मंत्री ने कहा "सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, रेजिडेंट डॉक्टरों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आश्वासन के अनुसार, 12 जनवरी 2022 से एमसीसी द्वारा एनईईटी-पीजी काउंसलिंग शुरू की जा रही है। इससे देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलेगी। सभी उम्मीदवारों को मेरी शुभकामनाएं।"
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि नीट पीजी काउसलिंग तत्काल शुरू की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में ओबीसी आरक्षण की स्थिति भी अब साफ कर दी है।
इस पहले देशभर में जूनियर डॉक्टरों ने नीट पीजी काउंसलिंग में देरी पर लंबा आंदोलन छेड़ दिया था। दिल्ली में एम्स के जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस के लाठी चार्ज पर स्थिति विकट हो गई थी। इस लाठी चार्ज की वजह से तमाम सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल कर ली थी। बाद में दिल्ली पुलिस ने जब आश्वासन दिया कि वो इस सिलसिले में दर्ज सारी एफआईआर वापस लेगी, तब डॉक्टरों ने अपना आंदोलन खत्म किया था।इससे पहले सरकार इस मामले के अदालत में चलने की वजह से पल्ला झाड़ लेती थी। लेकिन जब 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत स्पष्ट निर्देश इस बारे में जारी किए तो आज सरकार के पास इस संबंध में काउंसलिंग कराने का आदेश जारी कराने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नीट पीजी काउंसलिंग में 27 फीसदी ओबीसी कोटा और आर्थिक रुप से कममजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) का कोटा लागू होगा। सरकार पर आरोप था कि वो आरक्षण वाले समुदाय का लाभ नहीं देने की वजह से नीट पीजी काउंसलिंग में देरी कर रही थी।