लुधियाना में ऐसी घटना हुई है, जिससे पंजाब का माहौल ख़राब होने का डर था। लुधियाना के जोधेवाला में सिखों के धार्मिक ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई है। लेकिन लुधियाना पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए दोषी को पकड़ लिया। हैरानी की बात है कि दोषी वही व्यक्ति निकला जिसने इस बात की सूचना दी थी।
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि 2 नवंबर को पुलिस को सरदार बलदेव सिंह ने सूचना दी थी कि उनके मोहल्ले के रहने वाले सेवा सिंह ने उन्हें बताया कि उसने दो लोगों को देखा, वे गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी कर मोटरसाइकिल से भाग गए। उन्होंने बताया कि सूचना पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जब इलाक़े के सीसीटीवी कैमरों की फ़ुटेज को खंगाला तो ऐसी किसी मोटरसाइकिल का पता ही नहीं चला।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जब सेवा सिंह से इस बारे में पूछताछ की गई तो उसने अपनी ग़लती मान ली और कहा कि उसने चर्चा में आने के लिए यह काम किया है और उसे इस पर पछतावा है। कमिश्नर ने बताया, ‘सेवा सिंह किसी स्थानीय न्यूज़ चैनल में काम करता है और उसकी ख़बरें चैनल में नहीं लग रही थीं। इसने एक बड़ी ख़बर बनाने और ख़ुद को हाईलाइट करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया।’ उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा सिंह की रिमांड लेगी और उसे सजा दिलाने की पूरी कोशिश करेगी।
उन्होंने लोगों से अपील है कि वे शांति बनाकर रखें और पुलिस को सहयोग दें। पुलिस ने शहर के कई इलाक़ों में फ़्लैग मार्च भी निकाला।
बरगाड़ी कांड
यह घटना चार साल पहले हुए बरगाड़ी कांड की याद दिलाती है। अक्टूबर, 2015 में गांव बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद सिख समाज ने पंजाब में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। साथ ही विदेशों में रहने वाले सिखों ने भी इस घटना को लेकर रोष का इजहार किया था।
घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे सिखों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। धरने के दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी और इसके बाद यह मामला बेहद तूल पकड़ गया था।
2017 के विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बना था और इस घटना को लेकर सिख समुदाय तब की शिरोमणि अकाली दल सरकार से ख़ासा नाराज़ था। 2017 में अकाली दल की सत्ता से विदाई हो गई थी। इस मामले में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों को गिरफ़्तार किया गया था।
आईएसआई की नापाक कोशिश
बीते कुछ समय से पंजाब को अशांत करने की नापाक कोशिशें तेज हुई हैं और इसके पीछे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस यानी आईएसआई का हाथ बताया जाता है। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स (केज़ेडएफ़) ने बीते साल सितंबर में पंजाब में ड्रोन से हथियार गिराए थे। पुलिस ने आठ ड्रोन से क़रीब 80 किलोग्राम हथियार गिराए जाने का दावा किया था। पंजाब के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई केज़ेडएफ़ का समर्थन कर रही है।
बरगाड़ी कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पंजाब में ख़ूब प्रदर्शन हुए थे।
जैसे ही यह घटना सामने आई तो इसमें भी सिख समाज को लगा कि आईएसआई का हाथ इस मामले में हो सकता है। लेकिन लुधियाना पुलिस का कहना है कि युवक ने अपना दोष कबूल कर लिया है कि उसी ने इस वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस को युवक से पूरी तफ़्तीश करनी चाहिए कि जो कारण वह बता रहा है, वही है या ये पंजाब के माहौल को ख़राब करने की कोई कोशिश है। धार्मिक रूप से संवेदनशील पंजाब में इस तरह की हरक़तों का जबरदस्त विरोध होता है।