पुलिस के दमन से परेशान होकर निहत्थे किसानों का दिल्ली चलो आंदोलन बेमियादी समय के लिए टाल दिया गया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को कोई भी जत्था दिल्ली की ओर नहीं रवाना होगा। इससे पहले, किसानों ने रविवार को शंभू बॉर्डर से अपना दिल्ली कूच जब शुरू किया तो उन पर फिर आंसू गैस छोड़ी गई। इसमें सात किसान घायल हो गए। उसके बाद किसानों ने अपना मार्च स्थगित कर दिया था।
पंजाब के किसान फरवरी से खनौरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। केंद्र सरकार ने उनसे आखिरी बार फरवरी में ही बात की थी। लेकिन उसके बाद सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई। अभी जब संसद का शीतकालीन अधिवेशन शुरू हुआ तो किसानों ने एमएसपी की मांग को लेकर फिर से दिल्ली कूच की घोषणा की थी। लेकिन सरकार ने न तो किसानों को बातचीत के लिए बुलाया और न ही उनकी मांगों पर कुछ कहा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में कहा था कि किसानों की बात सुनी जाए। लेकिन उसके बावजूद सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई।
उधर, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसान यूनियनों के साथ उनकी बैठक हो रही है। पुलिस अधिकारी घायल किसानों से भी मुलाकात कर रहे हैं। पुलिस किसानों के दिल्ली कूच का हल निकालने के लिए बात कर रही है। पटियाला रेंज के डीआइजी मनदीप सिंह सिद्धू और अन्य अधिकारियों ने किसान नेता जगजीत दल्लेवाल से मुलाकात की और दल्लेवाल से अपनी दवाई लेने को कहा। सूत्रों के मुताबिक भूख हड़ताल के बाद दल्लेवाल की तबीयत ठीक नहीं है। दल्लेवाल किसानों के समर्थन में भूख हड़ताल पर हैं।
पीआईएल खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में आंदोलनकारी किसानों द्वारा नेशनल हाईवे को फौरन खाली करने के लिए केंद्र और अन्य राज्यों को निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वो बार-बार इसी मुद्दे पर आने वाली याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकता।
जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने याचिकाकर्ता गौरव लूथरा से कहा- "बार-बार याचिका दायर न करें। कुछ प्रचार हित के लिए दायर कर रहे हैं और कुछ गैलरी (संसद) में खेलने के लिए दायर कर रहे हैं। हम उसी पर दोहराई जाने वाली याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते। हम पहले से ही बड़े मुद्दे की जांच कर रहे हैं। आप समाज की अंतरात्मा के एकमात्र रक्षक नहीं हैं।“
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के कार्यकर्ता सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली मार्च रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
पीआईएल में केंद्र और अन्य को निर्देश देने की मांग की गई थी कि आंदोलनकारी किसान राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक अवरुद्ध न करें। याचिकाकर्ता ने किसानों और किसान यूनियनों पर पंजाब में संपूर्ण राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को स्थायी रूप से और अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध करने का आरोप लगाया।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)