कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, नेता विपक्ष राहुल गांधी पर हमला करने के लिए भाजपा ने एक कथित जांच रिपोर्ट का हवाला दिया। उसके बाद फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट मीडिया पार्ट ने मोदी की पार्टी बीजेपी पर "फर्जी समाचार" फैलाने और उसकी रिपोर्ट के "दुरुपयोग" का आरोप लगाया। उसने इसके लिए बीजेपी की निन्दा भी की है।
मीडिया पार्ट की प्रकाशक और निदेशक कैरिन फोटेउ ने अपने बयान में 7 दिसंबर को कहा कि मीडिया पार्ट की एक रिपोर्ट को खोजी मीडिया आउटलेट, ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) पर हाल ही में प्रकाशित किया गया। लेकिन इस विशेष रिपोर्ट को बीजेपी ने "तोड़-मरोड़" कर पेश किया। इसकी वो "निंदा" करती हैं।
फोटेउ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके खोजी लेख का इस्तेमाल किया, जिसका शीर्षक था 'खोजी पत्रकारिता के दिग्गज और अमेरिकी सरकार के बीच छिपे हुए संबंध', लेकिन भाजपा ने अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने और प्रेस की आजादी पर हमला करने के लिए उसका इस्तेमाल किया ।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस "साजिश" को साबित करने के लिए उनकी रिपोर्ट का इस्तेमाल किया, उसमें कोई तथ्य नहीं हैं। भाजपा ने फर्जी खबरें फैलाने के लिए मीडियापार्ट के लेख का गलत इस्तेमाल किया, जिसे हमने कभी प्रकाशित नहीं किया"। उन्होंने "भारत में रिपोर्टिंग और खोजी पत्रकारिता करने वाले साहसी भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों को पूर्ण समर्थन" व्यक्त किया।
संसद में और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर, बीजेपी सांसदों ने पिछले हफ्ते लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए मीडिया पार्ट और ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का हवाला दिया था। भाजपा ने रिपोर्ट को तोड़ मरोड़कर पेश करते हुए आरोप लगाया था कि अमेरिकी अरबपति सोरोस और अमेरिकी विदेश विभाग के कथित समर्थन से पीएम मोदी को निशाना बनाने का आरोप लगाया। लेकिन भाजपा पूरी निर्लज्जता से अडानी घूस कांड में सामने आए आरोपों पर चुप्पी साधे हुए है। जबकि अडानी घूसकांड का पर्दाफाश एफबीआई और अमेरिकी न्याय विभाग ने किया है। जिसमें भारतीय अधिकारियों को अडानी समूह द्वारा 2000 करोड़ से ज्यादा की घूस देने का आरोप है।
भाजपा ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए अमेरिकी विदेश विभाग को भी इस विवाद में खींच लिया था। उसने एक्स पर आरोप लगाया था कि अमेरिकी विदेश विभाग भी इस साजिश में शामिल है, क्योंकि सार्वजनिक दस्तावेजों के अनुसार, "यूएसएआईडी ने ओसीसीआरपी को पर्याप्त धनराशि दी थी।"
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हालाँकि, भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि यह "निराशाजनक" है कि भारत में सत्तारूढ़ दल (भाजपा) इस प्रकार के आरोप लगा रहा है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावों को दोहराया, आरोप लगाया कि अमेरिकी विदेश विभाग इस कोशिश में शामिल था। पात्रा ने उसी रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी को गद्दार तक कहा था। लेकिन अब सामने आ गया है कि जिस रिपोर्ट के आधार पर भाजपा नेता आरोप लगा रहे थे वो रिपोर्ट ही फर्जी थी या उसे तोड़ मरोड़कर पेश किया गया था।
2018 के बाद से, मीडियापार्ट ने मोदी सरकार द्वारा फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कई रिपोर्ट प्रकाशित की थीं। मोदी सरकार और बीजेपी लगातार आरोपों को खारिज करती रही है। दिसंबर 2023 में राफेल सौदे पर मीडियापार्ट की सबसे हालिया रिपोर्ट में नई दिल्ली पर भ्रष्टाचार के दावों की फ्रांसीसी न्यायिक जांच में बाधा डालने का आरोप लगाया गया। एक तरफ तो भाजपा और मोदी सरकार मीडिया पार्ट की उन रिपोर्टों को खारिज कर रहे हैं, दूसरी तरफ वो उसी कंपनी की अन्य रिपोर्ट को उठाकर राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं।
मीडियापार्ट ने पिछले साल दिसंबर की एक रिपोर्ट में लिखा था, "यह अब एक स्थापित तथ्य है: अति-राष्ट्रवादी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 36 राफेल लड़ाकू जेट की बिक्री से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले को हर कीमत पर दफनाना चाहते हैं।"
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)