चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित सभी एग्जिट पोल पर 10 फरवरी को सुबह 7 बजे से 7 मार्च, 2022 को शाम 6:30 बजे तक रोक लगा दी है। शनिवार को यहां जारी एक बयान में, यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि एग्जिट पोल कराने, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके प्रकाशन या इसके प्रचार पर 10 फरवरी को सुबह 7 बजे से 7 मार्च को शाम 6:30 बजे तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। एग्जिट पोल हमेशा तमाम राजनीतिक दलों की आलोचना का शिकार होते रहे हैं। विभिन्न सर्वे एजेंसियों के जरिए टीवी चैनलों और अखबारों के लिए किए जाने वाले इन एग्जिट पोल्स पर सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थन का आरोप लगता रहा है। लगभग हर बार एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं, इसके बावजूद चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। कई विपक्षी दलों का आरोप है कि इसकी आड़ में चैनलों को पैसे दिए जाते हैं।
हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विभिन्न टीवी चैनलों पर किए जा रहे सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी। लगभग सभी चैनलों ने अपने सर्वे में बीजेपी को आगे दिखाया है और सपा को दूसरे नंबर पर, जबकि एक टीवी चैनल ने बीजेपी और सपा के बीच मामूली अंतर बताया है। यह हमेशा बहस का विषय रहा है कि टीवी चैनलों और अखबारों में छपने वाले एग्जिट पोल मतदाताओं पर कितना असर डाल पाते हैं। लेकिन तमाम राजनीतिक दलों का मानना है कि इनका असर मतदाताओं पर पड़ता है, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगना चाहिए।