खेल से ज़रायम की दुनिया तक कैसे पहुंच गया पहलवान सुशील कुमार?

05:55 pm May 24, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

सेलेब्रिटी पहलवान सुशील कुमार 18 दिन तक दिल्ली पुलिस के डर से नहीं बल्कि गैंगस्टर संदीप उर्फ़ काला जठेड़ी के डर से भागता फिर रहा था। लेकिन आख़िरकार जब सुशील पुलिस के हत्थे चढ़ा तो सवाल उठा कि इस पहलवान को जिसके पास सरकारी नौकरी, शोहरत, पहचान, पैसा सब कुछ था आख़िर उसे किसी गैंगस्टर से किस बात का डर था और आख़िर क्यों उसने एक युवा पहलवान सागर धनखड़ और सोनू और अमित कुमार नाम के लोगों को जमकर पीट दिया। 

कहानी दिलचस्प है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सुशील कुमार बीते कुछ सालों से विवादित संपत्तियों को कब्जाने और छोटे-मोटे बदमाशी वाले काम में लग गया था। इस काम में उसका संबंध अपराध की दुनिया में सक्रिय बदमाशों से हो गया था। 4 मई की रात को सागर धनखड़, सोनू और अमित कुमार को सुशील और उसके साथियों ने बुरी तरह पीटा।

काला जठेड़ी का भतीजा है सोनू

लेकिन अगली सुबह यानी 5 मई को सागर की मौत की ख़बर मिलते ही सुशील भाग निकला। सोनू नाम के जिस शख़्स को सुशील ने पीटा था, वह गैंगस्टर काला जठेड़ी का भतीजा है। काला जठेड़ी उत्तर भारत का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर है और कहा जाता है कि वह इन दिनों दुबई में है।

सोनू पर हत्या, रंगदारी मांगने और लूटपाट के 19 मुक़दमे दर्ज हैं। बताते हैं कि काला जठेड़ी सोनू को बेटे की तरह मानता है और सुशील के द्वारा उस पर हमला किए जाने की ख़बर मिलते ही काला जठेड़ी आपे से बाहर हो गया। पुलिस का कहना है कि जठेड़ी दिल्ली में सोनू के जरिये ही विवादित संपत्तियों को कब्जाने का काम करता है।

कुमार और जठेड़ी के रिश्ते

सुशील कुमार ने जठेड़ी के साथ मिलकर दिल्ली के मॉडल टाउन के एम-2 ब्लॉक में स्थित एक फ़्लैट को कब्जे में ले लिया था। इस फ़्लैट का इस्तेमाल बदमाशों को ठहराने के लिए होता था। इस फ़्लैट में सागर धनखड़, सोनू और जठेड़ी गैंग के कुछ और लोग भी रहते थे। इस फ़्लैट की क़ीमत तीन करोड़ रुपये है। 

बवानिया से सुशील की नज़दीकी 

टीओआई के मुताबिक़, एक वरिष्ठ पुलिस अफ़सर ने कहा, “इस संपत्ति को बेचे जाने के बाद मिलने वाली रकम का सुशील और जठेड़ी गैंग के बीच बराबर-बराबर का बंटवारा होना था। लेकिन पिछले कुछ महीनों में सुशील कुमार की काला जठेड़ी के विरोधी गैंग नीरज बवानिया और नवीन बाली के साथ नज़दीकी हो गई थी और इस वजह से सुशील और जठेड़ी के रिश्ते ख़राब हो गए थे।”

पुलिस अफ़सर ने कहा, “जब काला जठेड़ी ने सुशील से इस फ़्लैट को बेचने और पैसे देने के लिए कहा तो सुशील ने सागर धनखड़, सोनू और अन्य लोगों से कहा कि वे इस फ़्लैट को खाली कर दें। इससे जठेड़ी गैंग नाराज हो गया और उसने सुशील को खुलेआम गालियां देनी शुरू कर दीं।”

पिटाई का वीडियो भी बनाया

जब सुशील को इस बारे में पता चला तो उसने सागर धनखड़ और बाक़ी लोगों को उससे भिड़ने की चुनौती दी। सोनू को उम्मीद थी कि जठेड़ी गैंग का होने के नाते सुशील उसे कुछ नहीं करेगा लेकिन सुशील को क्योंकि नीरज बवानिया गैंग का समर्थन मिल गया था तो उसने सोनू को भी पीट दिया और अपना दबदबा दिखाने के लिए इस पिटाई का वीडियो भी बनाया। पिटाई वाले दिन नीरज बवानिया गैंग के गुर्गे छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे थे। 

लेकिन सागर की मौत हो जाने और जठेड़ी गैंग के बदमाशों के घायल हो जाने के बाद जठेड़ी गैंग ने सुशील कुमार और उसके साथियों को जान से मारने की धमकी दी। टीओआई के मुताबिक़, जठेड़ी गैंग के बदमाश उस रात की पिटाई में शामिल रहे सुशील कुमार और उसके साथियों की तलाश कर रहे हैं।

जठेड़ी से माफ़ी मांगने की कोशिश

टीओआई में छपी ख़बर के मुताबिक़, सुशील कुमार को उसके दोस्तों ने चेताया था कि वह अपने फ़ोन पर इंटरनेट चलाने के लिए डोंगल का इस्तेमाल न करे लेकिन सुशील जठेड़ी से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहा था जिससे वह उससे माफ़ी मांग सके। 

टीओआई के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद भी सुशील को सागर धनखड़ की हत्या को लेकर कोई पछतावा नहीं था और वह चाहता था कि पुलिस उसे जेल में काला जठेड़ी के आदमियों से बचा ले। 

5 राज्यों में भागता रहा सुशील

18 दिनों तक सुशील कुमार पुलिस से बचने के लिए 5 राज्यों में भागता रहा। ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाले भारत के एकमात्र पहलवान सुशील कुमार को जैसे ही यह पता चला कि सागर की हत्या की एफ़आईआर में उसका नाम है, वह ऋषिकेश भाग गया, लेकिन पुलिस के छापा मारते ही तीन दिन बाद वह वहां से एक इनोवा कार से मथुरा भाग गया लेकिन टोल बूथ पर लगे एक सीसीटीवी में वह कैप्चर हो गया।

पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुशील कुमार दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में छुपता फिर रहा था।

पुलिस उससे इस बात की पूछताछ कर रही है कि इतने दिनों तक वे कौन लोग थे, जिन्होंने उसे शरण दी। टीओआई के मुताबिक़, ऐसे छह प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए हैं और इनमें दिल्ली से बाहर के दो पुलिस अफ़सर भी हैं।

अगले कुछ दिनों तक वह दिल्ली से हरियाणा के बहादुरगढ़ के बीच चक्कर लगाता रहा और फिर चंडीगढ़ भाग गया। वहां से बठिंडा और जालंधर होते हुए शनिवार को वह गुड़गांव पहुंचा। वहां से पुलिस को चकमा देने के बाद वह पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर में रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने पहुंचा। उसकी स्कूटी लेकर वह भागा लेकिन रास्ते में उसने स्कूटी कहीं फेंक दी।

इसके बाद एक कार में वह दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर किसी व्यक्ति से मिलने जा रहा था तभी मुंडका में उसे दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। सुशील पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी रखा था।