दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने घर-घर राशन पहुँचाने की योजना पर रोक लगा दी है। यह योजना अगले सप्ताह ही शुरू होने वाली थी।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक बयान में कहा है, 'दिल्ली सरकार एक-दो दिन में ही दरवाजे-दरवाजे राशन पहुँचाने की योजना शुरू करने वाली थी, जिससे राजधानी के 72 लाख गरीबों को फ़ायदा होता।' इसने यह भी कहा है कि केंद्र के कहने पर राज्य सरकार ने स्कीम से मुखयमंत्री शब्द भी हटा दिया था।
दिल्ली सरकार सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं गई, इसलिए इसपर रोक लगाई गई है। योजना पर रोक लगाए जाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
नाम में क्या रखा है?
बता दें कि राशन योजना के नाम को लेकर पहले भी केंद्र और दिल्ली सरकारों के बीच तनातनी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि यह योजना केंद्र की योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आती है, जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है न कि राज्य।
इसलिए दिल्ली सरकार इस योजना का न तो नाम बदल सकती है और न ही इसको किसी और के साथ जोड़ कर सकती है।
याद दिला दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली, यूपी और हरियाणा में फँसे प्रवासियों को परिवहन को परिवहन व्यवस्था देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दे।