दिल्ली में कोरोना संक्रमण के फिर से रिकॉर्ड पॉजिटिव केस आए हैं। 24 घंटे में 13 हज़ार 500 मामले दर्ज किए गए। यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली में रिकॉर्ड मामले आए हैं। एक दिन पहले ही दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 11,491 मामले सामने आए थे। अब तक दिल्ली में 7 लाख 36 हज़ार 788 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब राज्य में तीसरी लहर अपने चरम पर थी तब भी एक दिन में सबसे ज़्यादा 8500 मामले ही दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि चौथी लहर ज़्यादा घातक है क्योंकि युवा और बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र से आग्रह करते हैं कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए। उन्होंने कहा, 'शहर में छह लाख छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। 1 लाख शिक्षक ड्यूटी पर होंगे। बोर्ड परीक्षा आयोजित करने से कोरोनो वायरस बड़े पैमाने पर फैल सकता है... मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीक़े ढूँढे जा सकते हैं। छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है। बोर्ड परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए।'
बता दें कि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से अस्पताल में सुविधाएँ कम पड़ने की आशंका के बीच पहले से ही तैयारियाँ की गई हैं।
तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच दिल्ली सरकार ने 14 निजी अस्पतालों को पूरी तरह कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित घोषित कर दिया है। उन अस्पतालों को कहा गया है कि वे अब कोरोना संक्रमित मरीज़ के अलावा अब दूसरे रोगी का इलाज नहीं करें। इसके अलावा 19 निजी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने 80 फ़ीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखें। अन्य 82 अस्पतालों से कहा गया है कि वे 50 फ़ीसदी बेड कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित रखें।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि 14 निजी अस्पतालों को पूरी तरह कोविड घोषित किया गया, अन्य अस्पतालों में बिस्तर 50 से 60% तक बढ़ गए, निजी अस्पतालों में कुल 2060 बेड बढ़े हैं।
देश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 1 लाख 61 हज़ार 736 मामले आए हैं। एक दिन पहले रविवार को क़रीब 1 लाख 68 हज़ार मामले आए थे। इस लिहाल से ये पिछले दिन के मुक़ाबले 4 फ़ीसदी कम केस आए हैं। हालाँकि, यह आम तौर पर देखा गया है कि सोमवार को संक्रमण के मामले कम आते रहे हैं और बाद में मामले फिर से बढ़ने लग जाते हैं।
अब जब मंगलवार और इसके बाद के आँकड़े आएँगे तब पता चलेगा कि संक्रमण के मामले वास्तव में कम होने लगे हैं या नहीं। आमतौर पर क़रीब 1 हफ़्ते में यह साफ़ होता है कि संक्रमण कम हो रहा है या नहीं।
पिछले हफ़्ते भी ऐसे ही आँकड़े आए थे। तब लगातार केस बढ़ रहे थे और रविवार को 1 लाख 3 हज़ार केस आए थे। इसके बाद सोमवार को क़रीब 97 हज़ार पॉजिटिव केस रिकॉर्ड किए गए। लेकिन मंगलवार को फिर से रिकॉर्ड तेज़ी से बढ़े और एक दिन में 1 लाख 15 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए थे।