दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित हनुमान मंदिर के टूटने के मामले में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच तलवारें खिंच गई हैं। दोनों एक-दूसरे पर मंदिर के टूटने के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने चांदनी चौक में प्रदर्शन कर मामले को गर्मा दिया है। लेकिन देखना होगा कि पूरा मामला क्या है।
चांदनी चौक में दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग पुनर्विकास का काम कर रहा है और इसमें आड़े आ रहे धार्मिक ढांचों और दूसरी चीजों को हटाकर रास्ते को समतल किया जा रहा है। वर्षों पुराना हनुमान मंदिर भी अतिक्रमण था और दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर ही इसे हटाया गया। इस बात को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अफ़सरों ने भी कहा है।
इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कहा है कि दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता उत्तरी दिल्ली नगर निगम में पार्षद हैं, इसी निगम ने हाई कोर्ट में कहा कि वह मंदिर तोड़ने के लिए तैयार है, इस निगम में बीजेपी सत्तारूढ़ है, इसलिए बीजेपी ही मंदिर के टूटने के लिए जिम्मेदार है।
बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता का इस मामले में कहना है कि 23 अक्टूबर, 2019 को लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि नगर निगम और दिल्ली पुलिस मंदिर को हटाने में सहयोग नहीं कर रहे हैं और इसलिए नगर निगम को यह आदेश दिया जाए कि मंदिर को वहां से हटाया जाए क्योंकि चांदनी चौक के पुनर्विकास में यह मंदिर बाधा बन रहा है।
गुप्ता का कहना है कि चांदनी चौक के व्यापारियों, जन प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने भी यह बात रखी। वह कहते हैं कि दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी ने मंदिर के साथ ही पुनर्विकास को जारी रखने की बात कहती तो ऐसा नहीं होता।
उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने साजिश के तहत अपने पुनर्विकास के प्रोजेक्ट को चलाने के लिए लोक निर्माण विभाग से कहा, हाई कोर्ट में भी कहा, जिसके बाद अदालत ने नगर निगम को आदेश दिया कि इस मंदिर को हटाया जाए।
आम आदमी पार्टी का पलटवार
बीजेपी के आरोपों के जवाब में आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना कहती हैं कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने हाई कोर्ट में हलफ़नामा देकर कहा कि निगम की पूरी तैयारी मंदिर को तोड़ने की है और यह मंदिर अतिक्रमण की तरह है। आदेश गुप्ता द्वारा दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी को इसके लिए जिम्मेदार बताने पर मार्लेना कहती हैं कि धार्मिक कमेटी ने कहा था कि मंदिर वहीं पर रहना चाहिए और यह बात हाई कोर्ट के आदेश में भी है।
बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि दिल्ली सरकार इस मंदिर को पुनर्विकास योजना का हिस्सा बनाने के लिए तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि पुनर्विकास योजना दिल्ली सरकार के पैसे से चल रही है और दिल्ली सरकार चाहती तो वो मंदिर को कहीं बगल में बना सकती थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी ने इस मामले को सुनने से ही इनकार कर दिया था।
निगम के अफ़सरों का बयान
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अफ़सरों का मामले में कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा इस मंदिर को अतिक्रमण बताने पर यह कार्रवाई की गई है। उनके मुताबिक़, दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने अगस्त, 2019 में नगर निगम के आयुक्त को बताया था कि दिल्ली सरकार की धार्मिक मामलों की कमेटी इस मामले की समीक्षा नहीं कर सकती क्योंकि इसका फ़ैसला अदालत को करना है, साथ ही नगर निगम को यह सुझाव दिया गया था कि वह हाई कोर्ट के आदेश पर उचित कार्रवाई करे।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही जुबानी जंग में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है। पार्टी की दिल्ली इकाई ने आज इसे लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया।