भाजपा ने आरोप लगाया है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की फंडिंग से चलने वाले एक संगठन से संबंध है, जो एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में कश्मीर के विचार का समर्थन करता है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि जॉर्ज सोरोस का मामला संसद में उठाया गया है और "भारत विरोधी ताकतों" के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की गई है।
“
न सिर्फ कांग्रेस बल्कि समाजवादी पार्टी, आरजेडी ने भाजपा के इस आरोप को फर्जी बताते हुए खंडन किया। विपक्ष ने कहा कि संसद में असली मुद्दों से ध्यान बंटाने के लिए यह भाजपा की सियासी चाल है। वो अक्सर ऐसा करती है।
रिजिजू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ''मामला संसद में उठाया गया है। मैं विस्तृत जानकारी नहीं दे सकता। क्योंकि मैं संसदीय कार्य मंत्री हूं। इस समय सदन का शीतकालीन सत्र चल रहा है। हमारी कोशिश है कि सदन ठीक से चले।” रिजिजू ने कहा कि “यह रिपोर्ट सार्वजनिक है, जिसमें गंभीर आरोप हैं। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, चाहे कोई पार्टी हो या कोई नेता, ऐसे कई लोग हैं जो जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं और भारत के खिलाफ काम करते हैं। हम सभी को देश के लिए काम करना चाहिए और उन ताकतों से लड़ना चाहिए जो हमारे देश के खिलाफ हैं। मेरी एकमात्र अपील है कि हमें एकजुट होना चाहिए और भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।''
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू तो सोनिया गांधी का नाम लेने से कतरा रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ भाजपा ने इस मुद्दे पर एक्स पर कई ट्वीट किए हैं। भाजपा ने एक्स पर दावा किया कि फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी, जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा फंड किये गये संगठन से जुड़ी हुई हैं। भाजपा ने कहा- “विशेष रूप से, एफडीएल-एपी फाउंडेशन ने अपने विचार व्यक्त किए हैं कि कश्मीर को एक अलग यूनिट के रूप में माना जाए।”
भाजपा ने एक्स पर लिखा- “सोनिया गांधी और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में कश्मीर के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह गठजोड़ भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संगठनों के प्रभाव और ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को बताता है।” भाजपा ने दावा किया कि सोनिया गांधी चूंकि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, इस वजह से वो जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ जुड़ीं। इससे "भारतीय संगठनों पर विदेशी फंडिंग का प्रभाव दिखता है"।
भाजपा ने आरोप लगाया कि “अडानी पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जॉर्ज सोरोस के फंड से चलने वाले ओसीसीआरपी ने सीधा प्रसारण किया था। राहुल गांधी ने अडानी की आलोचना करने के लिए ओसीसीआरपी को एक स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने की उनकी कोशिशों को बताता है। भाजपा ने कहा कि “कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से जॉर्ज सोरोस को एक ‘पुराने दोस्त’ के रूप में स्वीकार किया है।''
पिछले हफ्ते भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि अमेरिका के "डीप स्टेट" ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ओसीसीआरपी और राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की है। हालांकि भाजपा ने यह अभियान तभी शुरू किये जब अमेरिका के जस्टिस विभाग में अडानी पर घूस देने के दो अभियोग दर्ज किए गए। इसमें आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह ने भारत में सोलर पावर के अनुबंध पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को 2000 करोड़ से ज्यादा की रिश्वत दी। हालांकि अडानी समूह ने इसका खंडन किया।
विपक्ष का जवाबः विपक्ष ने भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें "फर्जी कल्पनाएँ" करार दिया, जिन्हें "डार्क वेब" तक ही रखने की सलाह दी। कार्ति ने कहा, "लोगों के पास अंधेरी, बीमार कल्पनाएँ हैं और वे उन्हें जारी रख सकते हैं, और इन सभी साजिशों की कोई विश्वसनीयता नहीं है। कांग्रेस हमेशा भारत की संप्रभुता और एकता के पक्ष में हैं। हम देशभक्त हैं, हम राष्ट्रवादी हैं और हम ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं जो भारत की अखंडता के खिलाफ हो।"
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने आरोपों को भाजपा की रणनीति बताया और कहा कि "झूठे आरोप लगाना भाजपा की आदत बन गई है। उनका कोई भी आरोप आज तक सच नहीं निकला है।" आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि भाजपा को ज्यादा आरोप लगाने की बजाय आरोपों की जांच शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि कुछ ऐसा है जिसे वे छिपाना चाहते हैं। आप सरकार में हैं, चीजों की जांच कराएं।"
अमेरिका ने शनिवार को भाजपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी "डीप स्टेट" के लोग प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय कारोबारी गौतम अडानी पर टारगेट हमलों के जरिये भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने आरोपों को "निराशाजनक" बताया और कहा कि अमेरिकी सरकार दुनिया भर में मीडिया की आजादी की चैंपियन रही है। अडानी घूस कांड के आरोप सामने आने के बाद भाजपा और उसके नेता संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अब सोनिया गांधी को घेर रहे हैं। अमेरिकी अदालत में मामला सामने आने के बावजूद भारत में मोदी सरकार ने इसकी जांच का आदेश तक नहीं दिया। विपक्ष का कहना है कि मोदी और अडानी एक हैं। पिछले दिनों संसद के बाहर इस मुद्दे पर विपक्ष ने प्रदर्शन भी किया था।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)