बलिया में हत्या के मामले में खुले तौर पर आरोपी के समर्थन में आ रहे बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह अब 'धमकी' पर उतर आए हैं। एक वीडियो में वह सरकारी अधिकारी को धमकी देते नज़र आ रहे हैं और कार्रवाई करने के लिए दबाव डालते नज़र आ रहे हैं। 'टाइम्स नाउ' ने इस वीडियो को जारी किया है और इसमें पुलिस को धमकी दिए जाने की रिपोर्ट दी है। हालाँकि, किसी सरकारी एजेंसी की ओर से इस बारे में अब तक पुष्टि नहीं की गई है। इस बीच आरोपी के पक्ष में खड़े रहे विधायक सुरेंद्र सिंह को लेकर कई दिनों से तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहे बीजेपी नेतृत्व ने अब नोटिस देकर जवाब माँगा है। समझा जा सकता है कि इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी पर और दबाव बढ़ गया होगा।
बलिया में हत्या की यह घटना चार दिन पहले हुई थी। पूर्व सैनिक धीरेंद्र सिंह ने कथित तौर पर पंचायत की बैठक में ही एक ग्रामीण को गोली मारकर हत्या कर दी थी। रिपोर्टों के अनुसार एसडीएम, सीओ व कई थानों की पुलिस फ़ोर्स और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। घटना के दौरान सामने आए वीडियो में दिख रहा था कि कुछ पुलिसकर्मियों ने अभियुक्त को घेरा हुआ था, लेकिन पुलिस ने कहा था कि वह भाग गया था। बाद में उसे रविवार को गिरफ़्तार किया गया।
बलिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने घटना के बाद से हत्या के अभियुक्त का बचाव किया और यहाँ तक दावा किया कि उसने 'आत्मरक्षा' में ग्रामीण जय प्रकाश को गोली मार दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन पर भी एकतरफ़ा जाँच का आरोप लगाया था।
लेकिन अब जो ताज़ा वीडियो आया है उसमें विधायक सुरेंद्र सिंह पहले से दो क़दम और आगे निकल गए। वह कथित तौर पर पुलिस अधिकारी को ही धमकी देने लगे कि पुलिस अभियुक्त की तरफ़ से एफ़आईआर दर्ज करे।
वीडियो में सुरेंद्र सिंह फ़ोन पर बात करते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन सामने कौन से पुलिस अधिकारी हैं यह साफ़ नहीं होता है। सुरेंद्र सिंह की बातों से लगता है कि सामने वाला कोई पुलिस अफ़सर है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार विधायक कैमरे पर बोलते सुने जा सकते हैं, 'मुझे मरना भी पड़ा तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि एफ़आईआर दर्ज हो। मैं अनसन पर बैठूँगा। आज ही जब गए बलिया में मेडिकल कराने तो, पता कर लीजिएगा, हज़ारों लोग हॉस्पिटल में जुट गए सिर्फ़ यह जानकर कि विधायक से मेडिकल करवाने आए हैं। अब आप कल्पना करिए कि जिस दिन मैं अनसन पर बैठूँगा तो बलिया का रूख क्या होगा...। हमारा तो जीवन जाएगा ही... लेकिन हम तो सत्याग्रही हैं, हमें इसकी चिंता भी नहीं है। हम राजनीति से भी संन्यास ले लेंगे...।'
वीडियो में इसके आगे उन्होंने कहा, 'दोनों तरफ़ से झगड़ा हुआ है तो आपने एक पक्ष के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है, अच्छी बात है। जो कोई भी दोषी है उसे सज़ा मिले, उसे सख़्त सज़ा ज़रूर मिले, लेकिन उन्हें ... भी सज़ा मिले। मैं तो ज़रूर आपसे प्रार्थना करूँगा, आग्रह करूँगा, विनती करूँगा कि आप अधिकारियों को वहाँ भेजकर के हमारी भी एफ़आईआर चुपचाप करवा दीजिए। इसके बाद जो कोई भी जाँच करने में दोषी मिले उसको सज़ा दे दीजिए।'
बता दें कि जब से यह हत्या का मामला सामने आया है तब से ही विधायक सुरेंद्र सिंह विवादों में हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि इस घटना का अभियुक्त धीरेंद्र सिंह स्थानीय चर्चित बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का क़रीबी है और बीजेपी से जुड़ा है। लेकिन सुरेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि धीरेंद्र सिंह जुड़ा नहीं बल्कि बीजेपी का नेता है। सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि अभियुक्त बीजेपी की भूतपूर्व सैनिकों की बलिया इकाई का प्रमुख है।
इस पूरे मामले में बीजेपी पर सवाल उठते रहे हैं कि वह ऐसे गंभीर अपराध करने वाले और उनका बचाव करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करती है। कार्रवाई करती भी है तो बिल्कुल आख़िर में तब जब बीजेपी पर बेहद दबाव बन चुका होता है। यह उन्नाव रेप मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में भी दिखा था जब पीड़िता का पूरा परिवार तबाह कर दिया गया तब भी बीजेपी आख़िर तक कार्रवाई करने से बचती रही थी। सरकार तो उत्तर प्रदेश में अपराध बेतहाशा बढ़ने की बात भी मानती हुई नहीं दिखती है जबकि एनसीआरबी के आँकड़े भी साफ़ तौर पर यही बताते दिख रहे हैं।