भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने निर्णय के लिए "मौजूदा राजनीतिक हालात" को जिम्मेदार ठहराया। वो 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल हो गये हैं।
उन्होंने एक्स पर ट्वीट में लिखा- "मैंने मजबूर होकर राजनीतिक कारणों से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मुझे हिसार से सांसद के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं पार्टी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं।''
बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ने की दो खास वजहें बताई हैं। एक तो पहलवानों का आंदोलन और दूसरा सरकार की सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना। हरियाणा से बड़े पैमाने पर युवक सेना में भर्ती होते रहे हैं। लेकिन अग्निवीर योजना ने हरियाणा के युवकों को निराश कर दिया।
हरियाणा में चौधरी बीरेंद्र सिंह किसानों के मसीहा माने जाने वाले सर छोटू राम परिवार से हैं। वो स्व. राजीव गांधी के निकटवर्ती लोगों में थे। राजीव गांधी के निधन के बाद जब बीरेंद्र सिंह की कांग्रेस में उपेक्षा हुई तो वो भाजपा में चले गए। वहां उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया। लेकिन 2019 में जब नरेंद्र मोदी दोबारा पीएम बने तो बीरेंद्र सिंह ने फिर से खुद को उपेक्षित महसूस किया। 2019 में ही उनके आईएएस रहे बेटे को टिकट मिला। वो हिसार से जीत भी गए। हरियाणा में महिला पहलवानों का जब आंदोलन शुरू हुआ तो बृजेंद्र सिंह ने सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सलाह दी कि अगर महिला पहलवानों की सुनवाई नहीं हुई तो हरियाणा-राजस्थान के जाट नाराज हो जाएंगे। लेकिन सरकार ने बृजेंद्र सिंह की सलाह पर गौर नहीं किया। उसी समय से उन्होंने भाजपा से लगभग दूरी बना ली थी। अब जब चुनाव नजदीक आ गया तो उन्होंने भाजपा छोड़ दिया।
कौन है बृजेंद्र सिंहः बृजेंद्र सिंह हरियाणा के हिसार से सांसद हैं। वह लोक लेखा समिति (भारत) और रक्षा संबंधी स्थायी समिति (भारत) के सदस्य भी हैं। बृजेंद्र सिंह एक पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं, जिन्होंने 21 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया था।
1998 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की। बृजेंद्र सिंह ने जेएनयू से आधुनिक इतिहास में एमए किया। वह हरियाणा के जींद के मूल निवासी हैं। उन्होंने 2019 में चुनावी शुरुआत की। अपने अभियान के दौरान उन्होंने कहा था कि वह भाई-भतीजावाद की उपज नहीं हैं। वह हरियाणा आइकन छोटू राम के पड़पोते हैं।
बृजेंद्र सिंह ने कहा था- "मैं एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आता हूं जो एक शताब्दी से अधिक समय से अस्तित्व में है। लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं मुख्यधारा की राजनीति में इसलिए शामिल हो रहा हूं क्योंकि मेरे पास कहीं और जाने के लिए अवसर नहीं था। मैंने अपना चार्ट बना लिया था, अपना रास्ता बनाया, जिसमें मैं काफी हद तक सफल रहा।''
ऐसी अटकलें थीं कि 2022 में बृजेंद्र सिंह आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने इन खबरों को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी आप में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। बहरहाल, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इंडिया गठबंधन में उनका स्वागत किया। प्रियंका ने लिखा- “बृजेंद्र सिंह जी को हरियाणा से टीम इंडिया का हिस्सा बनते देखकर खुशी हुई। वह एक कुशल पूर्व नौकरशाह, एक सफल सांसद हैं, उनकी उपस्थिति निश्चित रूप से गठबंधन के लिए मूल्य बढ़ाएगी।''