दूसरे चरण की वोटिंग: नीतीश या तेजस्वी का पलड़ा भारी?

08:23 am Nov 03, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 ज़िलों की 94 विधानसभा सीटों पर आज मतदान है। इस चरण में 1463 प्रत्याशियों के भाग्य का फ़ैसला होगा जिनमें 146 महिलाएं हैं। क़रीब 2.85 करोड़ मतदाता वोट करेंगे। आज राज्य की राजधानी पटना में सभी चार- दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड के लिए सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है क्योंकि इसमें उसकी सबसे अधिक जीती हुई सीटें हैं। इस चरण में उसके 43 उम्मीदवार मैदान में होंगे। जदयू के कुल 115 उम्मीदवारों में 35 पहले और 37 आख़िरी चरण में अपनी क़िस्मत आजमा रहे हैं।

इस चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों के भाग्य का फ़ैसला होगा उनमें राजद के तेजस्वी यादव शामिल हैं। तेजस्वी विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हैं। तेजस्वी वैशाली ज़िले की राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 2015 में बीजेपी के सतीश कुमार को हराकर यह सीट फिर अपनी पार्टी के लिए जीती। सतीश ने 2010 में इस सीट पर तेजस्वी की माँ और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था। बीजेपी ने इस बार भी सतीश कुमार को ही टिकट दिया है। 

उधर तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप आरजेडी के टिकट पर हसनपुर से चुनावी मैदान में हैं जिन्हें जदयू के राजकुमार राय से मुक़ाबला करना है। अपनी बेटी ऐश्वर्या के तेज प्रताप से तलाक़ विवाद के कारण चर्चा में आये चंद्रिका राय सारण के परसा से जदयू के उम्मीदवार हैं। उनके सामने राजद के छोटे लाल राय हैं।

इसके अलावा पथ निर्माण मंत्री और बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव पटना साहिब, जदयू विधायक और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार नालंदा, बीजेपी विधायक और सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह मधुबन और जेडीयू नेता और राज्यमंत्री रामसेवक सिंह हथुआ से चुनावी मैदान में हैं। पटना की बांकीपुर सीट से कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा भी इस चरण में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। उनका प्रमुख रूप से मुक़ाबला बीजेपी के विधायक नितिन नबीन के साथ होगा।

हाल के दिनों में चुनावी अभियान आक्रामक होता दिख रहा है। इसकी सबसे ताज़ा मिसाल प्रधानमंत्री का वह भाषण है जिसमें उन्होंने तेजस्वी पर 'जंगलराज' को लेकर टिप्पणी की थी। मोदी ने कहा, ‘जंगलराज के युवराज क्या बिहार को आईटी के या आधुनिकता के क्षेत्र में आगे ले जा सकते हैं। इसका जवाब मुझसे ज़्यादा बिहार की जनता जानती है। 15 साल तक उन्होंने जुल्म झेला है।’

उन्होंने जनता से पूछा, ‘जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के लोगों के साथ अन्याय किया, क्या वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे।’ मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने कुशासन से सुशासन की ओर और अंधेरे से उजाले की ओर क़दम बढ़ाए हैं। 

तेजस्वी यादव ने प्रचार के अंतिम दिन 19 रैलियां कीं और प्रधानमंत्री से 11 सवाल पूछे। उनका ज़ोर बेरोज़गारी पर ही था। उन्होंने बार-बार 10 लाख रोज़गार सृजित करने का दावा किया और राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए नरेंद्र मोदी व नीतीश कुमार पर चोट की। इस दौरान तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल पूछे।