एनडीए में काफी जद्दोजहद के बाद सीट बँटवारा हो गया। सोमवार को घोषित सीट-बँटवारे समझौते के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला जदयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। गठबंधन में चिराग पासवान की पार्टी ने भी बाजी मारी है।
बिहार एनडीए गठबंधन के सदस्यों द्वारा आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े ने सीट-बंटवारे की घोषणा की। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को एक-एक सीट मिलेगी।
हालांकि, मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व वाले एलजेपी गुट के साथ सीट बंटवारे का कोई जिक्र नहीं हुआ। इस बारे में पूछे जाने पर बिहार बीजेपी प्रमुख सम्राट चौधरी ने कहा, 'उनसे बातचीत चल रही है।'
सीट बँटवारे के समझौते के अनुसार, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, बेगुसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम उन प्रमुख सीटों में से हैं जहां भाजपा उम्मीदवार मैदान में उतारेगी।
इस बीच, जदयू वाल्मिकी नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर सीटों पर चुनाव लड़ेगा।
इसके अलावा चिराग पासवान के नेतृत्व वाला लोक जनशक्ति पार्टी गुट पांच सीटों- वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई पर चुनाव लड़ेगा। जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी।
बता दें कि हाल ही में ऐसी ख़बरें आई थीं कि बिहार में एनडीए में गठबंधन नहीं हो पा रहा था क्योंकि सीटों पर आम सहमति नहीं बन पा रही थी। तब कयास लगाए गए थे कि लोकसभा चुनाव के लिए चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को तेजस्वी यादव वाले महागठबंधन ने आकर्षक ऑफर दिया। तब कहा गया था कि जबकि एनडीए की तरफ़ से चिराग को छह सीटों की ही पेशकश की गई, और उसमें भी उनको सीटों को उनके चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख पशुपति पारस के साथ बाँटना होगा। चिराग को इंडिया गठबंधन की पेशकश में वे सभी छह सीटें शामिल थीं जिन पर लोक जनशक्ति पार्टी यानी एलजेपी ने 2019 में चुनाव लड़ा था, और इसके अलावा बिहार में ही दो सीटों और एवं उत्तर प्रदेश में भी दो सीटों की पेशकश की गई।
इस कयास को तब और बल मिल गया था जब चिराग़ पासवान बिहार में पीएम मोदी के कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए थे। हालाँकि, एक तथ्य यह भी है कि कई राजनीतिक मंचों से चिराग पासवान ने अपने आप को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया है।