तमाम एग़्जिट पोल में बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई वाले महागठबंधन को साफ बढ़त मिलती दिख रही है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल युनाइटेड की अगुआई वाले एनडीए उसके पीछे चल रहा है। इसके अलावा तमाम दूसरे मामलों में भी तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आगे हैं।
एबीपी-सी वोटर, टाइम्स नाउ-सी वोटर, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया, टीवी9 भारतवर्ष, रिपब्लिक-जन की बात और टुडेज़ चाणक्य ने ये एग़्जिट पोल किए हैं। एऩडीए को एबीपी-सी वोटर के अनुसार 104-128, टाइम्स नाउ- सी वोटर के हिसाब से 116, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के अनुसार 69-91, टीवी9 भारतवर्ष के मुताबिक 110, रिपब्लिक- जन की बात के अनुसार 117-91 और टुडेज़ चाणक्य के मुताबिक 55 सीटें मिल सकती हैं।
दूसरी ओर, महागठबंधन को एबीपी- सी वोटर के अनुमान से 108-131, टाइम्स नाउ-सी वोटर के मुताबिक 120, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के अनुसार 139-161, टीवी9 भारतवर्ष के हिसाब से 115-125, रिपब्लिक-जन की बात के अनुसार 138-118 और टुडेज़ चाणक्य के मुताबिक 55 सीटें मिल सकती हैं।
पोल ऑफ़ पोल्स यानी इसका औसत निकाला जाए तो दिलचस्प तसवीर उभरती है। इसके अनुसार एनडीए को 92 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन को 141 सीटें हासिल हो सकती हैं। ज़ाहिर है, सभी एग़्जिट पोल का औसत बताता है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। इसी तरह एलजेपी को 3 सीट मिल सकती है और 8 सीटें अन्य के खाते में जा सकती हैं।
एबीपी-सी वोटर एग़्जिट पोल का अनुमान है कि बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन को 104-128 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को 108-131 सीटें हासिल हो सकती हैं। इसके अलावा यह अनुमान भी है कि लोक जनशक्ति पार्टी को 1-2 सीटें मिल सकती हैं, अन्य को 4-8 सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी न्यूज़-सीवोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, नीतीश कुमार की जेडीयू को 38-46 सीटें मिल सकती हैं और बीजेपी को 66-74 सीटें मिलती दिख रही है। वीआईपी को 0-4 सीटें और हम को 0-4 सीटें मिलने का अनुमान है।
आरजेडी को 81-89 सीटें मिलने का अनुमान है और कांग्रेस को 21-39 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा वामपंथी दलों के खाते में 6-13 सीटों के जाने का अनुमान है।
इस चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू ने 115 सीटों पर बीजेपी ने 110, विकासशील इन्सान पार्टी ने 11 और जीतनराम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल 144 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है और इसके सहयोगियों में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव मैदान में है। इसके अलावा सीपीआईएमएल 19, सीपीआई 6 सीटों पर और सीपीआईएम 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
टाइम्स नाउ-सी वोटर का एग़्जिट पोल
टाइम्स नाउ- सी वोटर के एग़्जिट पोल का नतीजा थोड़ा अलग है। इस एग़्जिट पोल में पाया गया है कि महागठबंधन को 120 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को 116 सीटें हासिल हो सकती हैं। एलजेपी को सिर्फ एक सीट मिल सकती है जबकि अन्य को 6 सीटें मिल सकती हैं।
आज तक-एक्सिस माइ इंडिया
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया ने अपने एग़्जिट पोल में पाया है कि बिहार में 42 प्रतिशत लोगों ने विकास के मुद्दे पर वोट किया जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने बेरोज़गारी और 11 फीसदी लोगों ने महंगाई के मुद्दे पर मतदान किया।
44 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसंद किया है जबकि नीतीश कुमार को 35 प्रतिशत और लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान को 7 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया है।
इसके अनुसार, 44 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखा है। दूसरी ओर, 35 प्रतिशत मतदाताओं ने नीतीश कुमार को और सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने सुशील कुमार मोदी को अगला सीएम माना है। इसके अलावा 7 फीसदी लोगों ने एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान को अगला मुख्यमंत्री माना है।
महागठबंधन की सरकार
आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल पर भरोसा किया जाए तो बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती साफ दिख रही है। इस एग़्जिट पोल के अनुसार, महागठबंधन को 139-161 सीटों पर जीत मिल सकती है। दूसरी ओर जनता दल युनाइटेड की अगुआई वाले एनडीए को 69-91 सीटें मिल सकती हैं। लोक जनशक्ति पार्टी 3-5 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी, जबकि अन्य उम्मीदवारों को 6-10 सीटें मिल सकती हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 122 सीटें चाहिए।मिथिलांचल
उत्तरी बिहार के मिथिलांचल इलाक़े में राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई वाले महागठबंधन को 36 सीटें मिलने का अनुमान है, लेकिन जनता दल युनाइटेड की अगुआई वाले एनडीए को 23 सीटें मिल सकती हैं। लोक जनशक्ति पार्टी को एक सीट मिलने की संभावना है। मिथिलांचल में विधानसभा की 60 सीटें हैं।
पाटलिपुत्र
बिहार के पाटलिपुत्र इलाक़े में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 33 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड की अगुआई वाले एनडीए को 26 सीटें मिल सकती हैं। लोक जनशक्ति पार्टी और अन्य को एक-एक सीटें मिल सकती हैं। इस इलाक़े में विधानसभा की 61 सीटें हैं।
सीमांचल
सीमांचल की 24 सीटों में से 15 पर महागठबंधन जीत हासिल कर सकता है, वहीं एनडीए को सिर्फ 6 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। अन्य को 3 सीटों पर जीत मिल सकती है।
भोजपुर
आज तक-एक्सिस माइ इंडिया एग़्जिट पोल के मुताबिक़, भोजपुर इलाक़े में महागठबंधन को 33 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को 9 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिल सकती है। अन्य उम्मीदवार 5 सीटों पर परचम लहरा सकते हैं।
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल के अनुसार, बिहार में 42 फीसदी लोगों ने विकास के मुद्दे पर वोट किया। वहीं, 30 फीसदी बेरोजगारी और 11 फीसदी लोगों ने महंगाई के मुद्दे पर वोट डाला है।
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल के अनुसार, नीतीश की तुलना में अधिक महिलाओं ने तेजस्वी को पसंद किया है। तेजस्वी यादव को महिलाओं के 43 फीसदी वोट मिले, जबकि नीतीश कुमार को 42 फीसदी और चिराग पासवान को 7 फीसदी वोट मिले हैं।
टीवी9 भारतवर्ष
टीवी9 भारतवर्ष ने अपने एग़्जिट पोल में पाया है कि महागठबंधन और एनडीए के बीच ज़ोरदार टक्कर होगी। महागठबंधन को 115-125 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को 110-120 सीटें हासिल हो सकती हैं। इसके पोल में लोक जनशक्ति पार्टी 3-5 सीटें हासिल करती दिख रही हैं।
रिपब्लिक-जन की बात
रिपब्लिक-जन की बात ने जो एग़्जिट पोल किया है, उसके अनुसार, महागठबंधन को साफ बढ़त मिल दिख रही है। इसके मुताबिक़, महागठबंधन को 118-138 सीटें हासिल हो सकती है। दूसरी ओर, एनडीए को 91-117 सीटें मिलने का अनुमान है। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी को सिर्फ 5-8 सीटें ही मिल सकती हैं।
टुडेज़ चाणक्य
टुडेज़ चाणक्य का एग़्जिट पोल चौंकाने वाला है। इसके अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई वाले महागठबंदन को को 180 सीटें मिल सकती हैं, दूसरी ओर एनडीए को 55 सीटें मिलने के आसार हैं। अन्य उम्मीदवार 8 सीटों पर जीत सकते हैं। टुडेज़ चाणक्य के एग़्जिट पोल के मुताबिक, महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार हैं।
पिछला चुनाव
पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था और एनडीए के हाथ सिर्फ 58 सीटें लगी थीं। लेकिन उस गठबंधन में जनता दल युनाइटेड था। 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए थे।
उत्तर प्रदेश उपचुनाव
आज तक एग़्जिट पोल के अनुसार राज्य विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी को 37 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। राज्य में 7 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, बीजेपी को 5-6 सीटें मिलने का अनुमान है।बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान ख़त्म हो चुका है और इन वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी। लेकिन कई टेलीविज़न चैनलों ने अलग-अलग एजेन्सियों के साथ मिल कर एग़्जिट पोल किए हैं। इनके नतीजे दिलचस्प हैं।
पहला चरण
पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को हुआ, उस दिन राज्य के 16 ज़िलों की 71 सीटों के लिए कुल 1,066 उम्मीदवार मैदान में थे और मतदान के लिए 31 हज़ार मतदान केंद्र बनाए गए थे। निर्वाचन आयोग ने कोरोना के मद्देनज़र मतदान के लिए ख़ास दिशानिर्देश जारी किये थे। इसके तहत एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या 1,600 से घटाकर 1,000 कर दी गयी। पहले चरण में कुल 71 सीटों के लिए आज 53.54 प्रतिशत वोट पड़े। मतदान आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा और कहीं से किसी बड़ी हिंसा की ख़बर नहीं आई।दूसरा चरण
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 ज़िलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। इस चरण में 1463 प्रत्याशियों के भाग्य का फ़ैसला होगा जिनमें 146 महिलाएं हैं। क़रीब 2.85 करोड़ मतदाताओं ने वोट किया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड के लिए सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है क्योंकि इसमें उसकी सबसे अधिक जीती हुई सीटें हैं। इस चरण में उसके 43 उम्मीदवार मैदान में होंगे। जदयू के कुल 115 उम्मीदवारों में 35 पहले और 37 आख़िरी चरण में अपनी क़िस्मत आजमा रहे हैं।
दूसरे चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों के भाग्य का फ़ैसला होगा उनमें राजद के तेजस्वी यादव शामिल हैं। तेजस्वी विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी हैं। तेजस्वी वैशाली ज़िले की राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 2015 में बीजेपी के सतीश कुमार को हराकर यह सीट फिर अपनी पार्टी के लिए जीती। सतीश ने 2010 में इस सीट पर तेजस्वी की माँ और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराया था। बीजेपी ने इस बार भी सतीश कुमार को ही टिकट दिया है।
तीसरा चरण
बिहार विधानसभा के तीसरे और आख़िरी चरण में 78 सीटों के लिए वोटिंग हुई है। इनमें से अधिकतर सीटें कोसी-सीमांचल के इलाक़े में आते हैं। इस चरण में 2.34 करोड़ मतदाता 1204 उम्मीदवारों की किस्मत का फ़ैसला करेंगे। माना जा रहा है कि तीसरे चरण में चुनावी नतीजों पर 'असदुद्दीन ओवैसी' फ़ैक्टर का असर रहेगा।अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं। इन क्षेत्रों में मुसलिम मतदाताओं की आबादी काफ़ी ज़्यादा है। इन क्षेत्रों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने प्रत्याशी उतारे हैं। इसी कारण माना जा रहा है कि इन सीटों पर त्रिकोणिय मुक़ाबला हो सकता है।