तमाम एग़्जिट पोल यही बता रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए चारों खाने चित्त होने जा रहा है। यदि चुनाव नतीजा ऐसा ही हुआ तो कई सवाल उठेंगे। यह सवाल पूछा जाएगा कि आख़िर क्या हो गया कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू बिहार में नहीं चला उन्होंने कश्मीर से लेकर राम मंदिर और जंगलराज के युवराज से लेकर डबल इंजन की सरकार तक का पाँसा फेंका, लेकिन उनकी हर चाल नाकाम क्यों रही
प्रधानमंत्री ने कोरोना से लेकर रसोई गैस तक की कामयाबी गिना दी, मैथिली से लेकर भोजपुरी तक में लोगों से बात करने की कोशिश की, पर वे ज़्यादातर लोगों से कनेक्ट क्यों नहीं कर पाए तीन महीने पहले से वर्चुअल रैली करने वाले और 5 लाख मोबाइल वॉरिअर उतारने वाले को 'लालटेन' हाथ में लेकर चलने वाले ने क्यों चित्त कर दिया
महागठबंधन क्यों
इन सवालों के सटीक जवाब तो चुनाव नतीजों के एलान के बाद ही निकलेंगे और विस्तृत समीक्षा से ही बात खुल कर सामने आएगी। लेकिन आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल से कुछ बातों का पता चलता है। जब इस एग़्जिट पोल में लोगों से पूछा गया कि वे महागठबंधन का समर्थन क्यों करना चाहते हैं तो दिलचस्प जवाब आए।
लगभग 25 फ़ीसदी लोगों ने माना कि विकास कार्यों पर ध्यान ना होने की वजह से ही उन्होंने महागठबंधन को वोट दिया, जबकि 21 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने परिवर्तन और नयापन के लिए ही महागठबंधन को मौका दिया।
युवा मुख्यमंत्री
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल पर भरोसा किया जाए तो 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस-आरजेडी ने अच्छा काम किया, इसलिए उन्हें वोट दे रहे हैं। लेकिन 12 प्रतिशत लोगों ने महागठबंधन को इसलिए चुना क्योंकि उन्हें युवा मुख्यमंत्री चेहरा चाहिए था। इसके अलावा 9 फ़ीसदी लोगों ने केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकार बनाने के लिए महागठबंधन के पक्ष में मतदान किया है।
राज्य सरकार से नाखुश
इसके अलावा आज तक- एक्सिस माइ इंडिया एग्जिट पोल में भाग लेने वाले 4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे राज्य सरकार से नाखुश थे इस वजह से उन्होंने महागठबंधन का विकल्प चुना। दूसरी ओर, 3 प्रतिशत लोगों ने प्रवासी मजदूर की नाराज़गी की वजह से महागठबंधन को वोट दिया।
कोरोना महामारी को ठीक से न संभाल पाना भी एक वजह बनी। आज तक- एक्सिस माइ इंडिया एग्जिट पोल में भाग लेने वाले 1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने अच्छा कोरोना प्रबंधन ना होने के कारण महागठबंधन को वोट देने का फैसला किया।
इसके अलावा लगभग 1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सीएए के विरोध में महागठबंधन के पक्ष में मतदान करके आए हैं। इसी तरह 1 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि उन्होंने सीएम का सही चेहरा ना होने के कारण महागठबंधन के पक्ष में वोट किया।