ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने उनके भतीजे और टीएमसी में दूसरे सबसे ताक़तवर नेता अभिषेक बनर्जी को मारने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए बड़ी साज़िश रची गई थी। उन्होंने बीरभूम और बर्दवान में चुनाव प्रचार के दौरान यह दावा किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने उस कथित साज़िश की जानकारी भी साझा की कि आख़िर किस तरह अभिषेक को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बीरभूम के तारापीठ में एक चुनाव अभियान के दौरान ममता ने कहा, 'भाजपा में गद्दारों में से एक ने कहा कि एक बम विस्फोट होगा। यदि तुम्हें मुझसे द्वेष है तो तुम मुझे बम से मार सकते हो। तुमने अभिषेक को मारने की भी कोशिश की लेकिन हमें पहले ही पता चल गया। उन्होंने उसके घर की रेकी भी की, उसे फेसटाइम पर बुलाया और मिलने का समय मांगा।' उन्होंने आगे दावा किया कि अगर अभिषेक ने उसे समय दिया होता, तो वह गोली मारकर भाग गया होता।
ममता ने यह बड़ा आरोप तब लगाया है जब सोमवार को कोलकाता पुलिस ने कहा कि उन्होंने अभिषेक बनर्जी के आवास और कार्यालयों की कथित तौर पर रेकी करने और उनके खिलाफ कुछ बड़ी योजना बनाने के आरोप में मुंबई से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा कि आरोपी की पहचान राजाराम रेगे के रूप में हुई है, जो मुंबई में 26/11 हमले से जुड़ा था। उसे कोलकाता लाया गया है और आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसी बीच ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'ये लोग हर किसी को मारना चाहते हैं या उनके ख़िलाफ़ बोलने के लिए उन्हें सलाखों के पीछे डाल देना चाहते हैं। अगर आपको भरोसा है कि आपको वोट मिलेंगे तो लोगों को आतंकित करने की क्या ज़रूरत है?'
बता दें कि हाल में अभिषेक बनर्जी ई़डी के निशाने पर भी रहे हैं। कुछ महीने पहले ही पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी के सामने पेश हुए थे। उससे पहले भी इसी मामले उनसे घंटों पूछताछ हो चुकी थी। कथित कोयला घोटाले को लेकर भी अभिषेक और उनकी पत्नी रूजिरा बनर्जी को कुछ साल पहले समन भेजा गया था। अभिषेक समय-समय पर केंद्रीय एजेंसियों के समन को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।
बहरहाल, चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, 'यदि सभी शिक्षकों को हटा दिया जाएगा, तो स्कूलों में कक्षाएं कौन लेगा?'
उन्होंने कहा, 'अगर कोई उम्मीदवार आत्महत्या कर लेता है तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे? चिंता मत करो, मैं यथासंभव सर्वश्रेष्ठ तरीके से केस लड़ूंगा। जिन शिक्षकों ने आठ साल तक काम किया, क्या उनमें सामाजिक सम्मान नहीं आया? हम इतने शिक्षकों की भर्ती कहां से करेंगे? क्या बच्चे स्कूल आएंगे? क्या बीजेपी, आरएसएस वाले जाकर पढ़ाएंगे?' एक दिन पहले ममता ने आदेश की आलोचना की थी और इसे अवैध बताया था।
बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सोमवार को 2016 स्कूल सेवा आयोग यानी एसएससी द्वारा 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध भर्ती को रद्द कर दिया, और उन्हें ब्याज सहित अपना वेतन वापस करने का आदेश दिया।