चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हुए हमले से जुड़ी चिट्ठी पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। चुनाव आयोग ने इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'आक्षेपों से भरा' बताया है और इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि उसने भारतीय जनता पार्टी के कहने पर पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को पद से हटा दिया।
चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस का नाम लिए बग़ैर कहा है कि 'एक राजनीतिक दल के इस आरोप का जवाब देना भी उसकी गरिमा के अनुकूल नहीं है।' आयोग के मुताबिक़,
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"यह कहना पूरी तरह ग़लत है कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने के नाम पर क़ानून व्यवस्था को नियंत्रित करने वाली व्यवस्था को अपने हाथों में ले लिया है और राज्य सरकार की मशीनरी को हथिया लिया है।"
चुनाव आयोग
'प्रशासन पर नियंत्रण नहीं'
आयोग ने कहा कि ऐसा करना तो संविधान की बुनियाद और पूरे ढाँचे को ही नकारने के समान है। उसने कहा, "चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत किसी राज्य के रोज़मर्रा के कामकाज को अपने अधीन नहीं कर लिया है।"
चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के मेमोरंडम को 'आक्षेपों से भरा' क़रार दिया और कहा कि यह चुनाव आयोग की बुनियाद और उसके कामकाज पर सवाल खड़े करता है।
याद दिला दें कि ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि नंदीग्राम में मुख्यमंत्री पर हमला किया गया, जिससे उनके पैर में चोट आई। उन्हें वहाँ से कोलकाता ले जाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
टीएमसी की चिट्ठी
उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक चिट्ठी सौंपी। इस पर दो अन्य नेताओं के दस्तख़त भी थे।
डेरेक ओ ब्रायन ने कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो कोई भी मुख्यमंत्री पर हुए हमले के लिए ज़िम्मेदार है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि 'ज़ेड प्लस' सुरक्षा में होने के बावजूद एक मुख्यमंत्री और चुनाव प्रत्याशी पर हमला कैसे हुआ?
तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर कथित हमले का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ा। उसने कहा,
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"चुनाव आयोग के नियंत्रण में प्रशासन है तो ममता बनर्जी पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? चुनाव आयोग को यह ज़िम्मेदारी लेनी होगी।"
डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा सदस्य, तृणमूल कांग्रेस
बीजेपी-टीएसमी
पार्टी ने कहा कि 'मुख्यमंत्री की जान लेने की यह सोची समझी साजिश थी' और इस मामले को राज्य के पुलिस महानिदेशक को हटाने से जोड़ दिया।
टीएमसी ने कहा कि राज्य के पुलिस प्रमुख को हटाने के 24 घंटे के अंदर यह 'क्रूर हमला' हुआ।
राज्य के सत्तारूढ़ दल ने इसके आगे कहा, "बीजेपी एक अधिकारी को हटाने को कहती है और चुनाव आयोग उसे हटा देता है।"
दूसरी ओर, बीजेपी ने कहा कि ममता बनर्जी सहानुभूति बटोरने के लिए नाटक कर रही हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि इस हमले का एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है। नंदीग्राम के लोग इससे नाराज़ हैं कि उन्हें बदनाम करने के लिए यह सब किया जा रहा है।