पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी उम्मीदवारों की सूची को बीजेपी को फायदा पहुँचाने वाला क़रार दिया है। उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन में रहने से डरती हैं क्योंकि इससे उनको पीएम मोदी के ख़िलाफ़ बोलना पड़ेगा। जयराम रमेश ने भी टीएमसी की सूची पर टिप्पणी की और कहा कि सीटों की एकतरफा घोषणा नहीं की जानी चाहिए थी।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'ममता बनर्जी को डर है कि अगर वह इंडिया गठबंधन में बनी रहेंगी तो उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ बोलना होगा और वह बार-बार ईडी और सीबीआई भेजेंगे। इससे टीएमसी खतरे में पड़ जाएगी। इसलिए पीएम मोदी को नाखुश होने से रोकने के लिए बेहतर होगा कि वह खुद को गठबंधन से अलग कर लें।'
कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब टीएमसी ने लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। 42 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है। क्रिकेटर यूसुफ पठान टीएमसी में शामिल हो गए हैं और इस तरह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है।
बहरामपुर वही सीट है जहाँ से कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी चुनाव लड़ते रहे हैं। इसी सीट से उन्होंने 2019 में चुनाव जीता था। हालाँकि कांग्रेस ने अभी तक बंगाल के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इस पर कांग्रेस ने कहा है कि उसने बार-बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल के साथ सम्मानजनक सीट-बँटवारा समझौता करने की अपनी इच्छा जताई है। जयराम रमेश ने कहा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा चाहती है कि इंडिया समूह एक साथ मिलकर भाजपा से लड़े।'
अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि ममता बनर्जी अपने क़दम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेज रही हैं और उन्हें आश्वासन दे रही हैं कि उनकी पार्टी भाजपा के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेगी।
उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी ने आज साबित कर दिया है कि भारत के किसी भी राजनीतिक दल को उनके जैसे नेता पर भरोसा नहीं करना चाहिए... ममता बनर्जी को डर है कि अगर वह इंडिया गठबंधन में बनी रहीं, तो पीएम मोदी नाखुश होंगे। खुद को इंडिया गठबंधन से अलग करके उन्होंने पीएमओ को संदेश भेजा है, मुझसे नाखुश मत होइए, मैं बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए खड़ा नहीं हूँ।'
जयराम रमेश ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि टीएमसी पर क्या दबाव था, लेकिन जहां तक हमारा सवाल है, हम पश्चिम बंगाल में इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना चाहते हैं।'
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ सम्मानजनक सीट-बंटवारे का फॉर्मूला चाहती है और पार्टी हमेशा बातचीत के लिए खुली है।
जयराम रमेश ने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा एक साथ की जानी चाहिए थी 'जैसा कि हमने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि में किया है'। कांग्रेस ने इन राज्यों में गठबंधन दलों के साथ सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया है।
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस हमेशा चाहती थी कि इंडिया गठबंधन पश्चिम बंगाल में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर लड़े और टीएमसी और ममता बनर्जी ने भी ऐसी ही इच्छा व्यक्त की थी। कांग्रेस नेता ने कहा, 'देखते हैं क्या होता है।'
टीएमसी की घोषणा से पता चलता है कि ममता बनर्जी बिना किसी गठबंधन के अकेले ही चुनाव में उतरना चाहती हैं। वह काफी पहले से ही यह कहती रही हैं, लेकिन समझा जाता है कि आख़िरी समय तक सीट बँटवारे तक बातचीत की कोशिश होती रही।
कांग्रेस और तृणमूल इंडिया गठबंधन में एक साथ हैं। माना जाता है कि तृणमूल ने कांग्रेस को बहरामपुर और एक अन्य सीट की पेशकश की थी, लेकिन कांग्रेस इसपर तैयार नहीं हुई और वह ज़्यादा सीटें चाहती थी। इसी वजह से टीएमसी ने अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया।
अधीररंजन चौधरी के गढ़ से एक लोकप्रिय व्यक्ति को मैदान में उतारने को पार्टी पर उनके बार-बार किए गए हमलों के लिए तृणमूल की प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है। अधीररंजन चौधरी टीएमसी के ख़िलाफ़ ख़ूब बोलते रहे हैं। टीएमसी ने तो एक बार कह दिया था कि टीएमसी और कांग्रेस में सीट शेयरिंग नहीं होने के लिए अधीररंजन ज़िम्मेदार हैं।