यूपी राज्यसभा चुनाव: बीजेपी-बीएसपी का ‘प्रेम’ दिखा

03:55 pm Oct 29, 2020 | कुमार तथागत - सत्य हिन्दी

उत्तर प्रदेश में संख्याबल के बावजूद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के लिए राज्यसभा की एक सीट छोड़ने की बीजेपी की चालाकी अब दोनों दलों को भारी पड़ गयी है। हुआ यूं है कि बीजेपी-बीएसपी के बीच प्रेम की पींगें बढ़ते देख आधा दर्जन से ज्यादा बीएसपी विधायकों ने बग़ावत कर दी है और बीजेपी का बीएसपी के प्रति ‘समर्पण’ भी सामने आ गया है। 

बीएसपी के राज्यसभा प्रत्याशी के प्रस्तावक पांच विधायकों ने बुधवार को अपना प्रस्ताव वापस लेते हुए एसपी प्रमुख अखिलेश यादव में अपनी आस्था जता दी। ख़बर तो बीएसपी विधायक दल के नेता लालजी वर्मा के भी अखिलेश यादव से मिलने की उड़ी पर उन्होंने आगे आकर इसका खंडन किया है। 

बग़ावत के बाद बीजेपी ने बीएसपी प्रत्याशी की जीत पक्की करने के लिए पूरा जोर लगाया और एसपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का नामांकन खारिज करवा दिया। उधर, विधायकों की बग़ावत के बाद भी बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा सही पाया गया। 

बीएसपी के विधायक बिफरे

राज्यसभा में बीजेपी के जीत सकने की स्थिति में होने के बाद भी एक सीट छोड़ देने और बीएसपी के प्रत्याशी की मदद करने के बाद से बीएसपी में बे-मौसम पतझड़ शुरू हो गया। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने का समय बीतने के साथ ही तय हो गया था कि बीजेपी की कुर्बानी से बीएसपी का एक राज्यसभा सीट जीतने का रास्ता साफ हो गया है। 

बीजेपी-बीएसपी के इस प्रेम पर मायावती के विधायक बिफर गए और बुधवार सुबह एसपी मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। 

बीएसपी के पांच विधायकों ने बाग़ी तेवर दिखाते हुए राज्यसभा उम्मीदवार रामजी गौतम के लिए रखा प्रस्ताव वापस लेने का एलान किया। बीएसपी विधायकों ने बाकायदा निर्वाचन अधिकारी को लिख कर प्रस्ताव वापस लेने की बात कही। बीएसपी ने जीतने लायक विधायकों की संख्या न होते हुए भी अपने कद्दावर नेता रामजी गौतम को प्रत्याशी बनाया था। 

बीएसपी के कुल सात विधायकों ने बगावत की है। बगावत कर अखिलेश के पास पहुंचने वाले विधायक असलम राइनी, असलम अली, मुजतबा सिद्दीकी, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह और हाकिम लाल बिंद रहे।

बजाज का पर्चा खारिज करवाया!

इससे पहले अपनी छीछालेदर होती देख बीजेपी ने तमाम तकनीकी खामियां गिनाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का नामांकन खारिज कराने के लिए जोर लगा दिया। बीएसपी ने भी इसमें बीजेपी का साथ दिया। 

बीएसपी में बगावत के बाद विधायक दल के नेता लालजी वर्मा और पार्टी नेता उमाशंकर सिंह ने बयान जारी किया है। लालजी वर्मा ने कहा कि आरोप लगाने वाले विधायक फर्जी बातें कर रहे हैं और वे सभी नामांकन में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि विधायकों पर किसी दूसरी वजह का दबाव है। अखिलेश यादव से मुलाकात पर लालजी वर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी एसपी मुखिया से मुलाकात नहीं की। उन्होंने कहा कि दलित समाज का बेटा राज्यसभा में न जा पाए इसलिए एसपी ने उद्योगपति को उम्मीदवार बनवाया।