अमेरिका में बड़े पैमाने पर हजारों लोग शनिवार को सड़कों पर उतर आए। यह प्रदर्शन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी सलाहकार, अरबपति उद्यमी एलन मस्क के खिलाफ था। "हैंड्स ऑफ!" नामक इस आंदोलन के तहत पूरे देश में 1,200 से अधिक रैलियां आयोजित की गईं। प्रदर्शन सभी 50 राज्यों में हुए। इन प्रदर्शनों में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, श्रमिक संघ, एलजीबीटीक्यू+ समूह, सैन्य दिग्गज और अन्य संगठन शामिल थे, जो ट्रंप प्रशासन की नीतियों, विशेष रूप से सरकारी कटौती, सार्वजनिक सेवाओं में कमी और विवादास्पद सामाजिक नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
प्रदर्शनकारी ट्रंप प्रशासन और मस्क की अगुआई में नवगठित "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (DOGE) द्वारा लागू की जा रही नीतियों से नाराज हैं। मस्क, जो टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक हैं, इस विभाग के प्रमुख के रूप में बड़े पैमाने पर सरकारी खर्च में कटौती कर रहे हैं। उनके अनुसार, ये कटौतियां करदाताओं के अरबों डॉलर बचा रही हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का मानना है कि ये कदम आवश्यक सेवाओं को नष्ट कर रहे हैं। विशेष रूप से, सामाजिक सुरक्षा कार्यालयों का बंद होना, संघीय कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी, स्वास्थ्य सेवा और एचआईवी फंडिंग में कटौती जैसे मुद्दों ने लोगों के गुस्से को भड़काया। इसके अलावा, एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए संरक्षण में कमी को भी प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख मुद्दा बनाया।
यह आंदोलन पूरे अमेरिका में फैला हुआ है। वाशिंगटन डीसी में नेशनल मॉल, विभिन्न राज्य की राजधानियों और न्यूयॉर्क से लॉस एंजिलिस तक के शहरों में प्रदर्शन हुए। वाशिंगटन डीसी में भीड़ को संबोधित करते हुए कार्यकर्ता ग्रेलेन हागलर ने कहा, "उन्होंने एक सोए हुए दानव को जगा दिया है, और अभी तो यह शुरुआत है।" न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारी "हैंड्स ऑफ आवर डेमोक्रेसी" और "डायवर्सिटी, इक्विटी, इनक्लूजन मेक अमेरिका स्ट्रॉन्ग" जैसे नारे लिखे तख्तियों के साथ मैनहट्टन की सड़कों पर मार्च करते दिखे।
एलन मस्क पर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वह एक अनिर्वाचित व्यक्ति के रूप में सरकार पर अनुचित प्रभाव डाल रहे हैं। उनकी नीतियों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया गया। मस्क का दावा है कि वह सरकारी नौकरशाही को कम करके देश को मजबूत कर रहे हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहा है। दूसरी ओर, ट्रंप पर आरोप है कि वह मस्क के साथ मिलकर संघीय सरकार को अपने हिसाब से ढाल रहे हैं, जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
"हैंड्स ऑफ!" आंदोलन के तहत प्रदर्शनकारी कई मांगें लेकर सामने आए हैं। इनमें शामिल हैं:
- संघीय कर्मचारियों की छंटनी पर रोक: हजारों सरकारी कर्मचारियों की नौकरी छिनने से लोग आक्रोशित हैं।
- सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली: बंद किए गए सामाजिक सुरक्षा कार्यालयों को फिर से खोलने और स्वास्थ्य फंडिंग में कटौती को वापस लेने की मांग।
- एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों की रक्षा: समुदाय के लिए संरक्षण को कम करने वाली नीतियों को रद्द करना।
- लोकतंत्र की रक्षा: सरकार के पुनर्गठन को रोकना, जिसे प्रदर्शनकारी "लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट करने" का प्रयास मानते हैं।
इस आंदोलन को 150 से अधिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें मूवऑन, इंडिविजिबल, श्रमिक संघ, एलजीबीटीक्यू+ समर्थक समूह और नागरिक अधिकार संगठन शामिल हैं। वाशिंगटन में ह्यूमन राइट्स कैंपेन की प्रमुख केली रॉबिन्सन ने कहा, "वे हमारी किताबों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं, एचआईवी रोकथाम फंडिंग में कटौती कर रहे हैं, हमारे डॉक्टरों, शिक्षकों, परिवारों और जीवन को अपराधी बना रहे हैं।" यह बयान प्रदर्शनकारियों के गुस्से और उनकी मांगों की गंभीरता को दर्शाता है।
अमेरिका के साथ-साथ यूरोप में भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन देखे गए। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और पुर्तगाल जैसे देशों में लोगों ने ट्रंप और मस्क की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। पेरिस में "रेसिस्ट टायरेंट" और "सेव डेमोक्रेसी" जैसे नारे लगाए गए, जबकि लंदन में प्रदर्शनकारियों ने "हैंड्स ऑफ कनाडा" और "हैंड्स ऑफ यूक्रेन" जैसे नारे उठाए।
"हैंड्स ऑफ!" आंदोलन ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सबसे बड़ा संगठित विरोध प्रदर्शन बन गया है। यह न केवल अमेरिकी सरकार की नीतियों के खिलाफ एक जन आक्रोश को दर्शाता है, बल्कि एलन मस्क जैसे प्रभावशाली उद्यमियों के राजनीतिक प्रभाव पर भी सवाल उठाता है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह आंदोलन अभी शुरुआती चरण में है और आने वाले दिनों में यह और तेज हो सकता है।