उत्तर पूर्व के तीन राज्यों में चुनाव संपन्न होते ही आज एग्जिट पोल के सर्वे जारी किए गए हैं। इन सर्वे के अनुसार बीजेपी त्रिपुरा में जीतेगी और उसकी गठबंधन सरकार नागालैंड को बरकरार रखेगी। एग्जिट पोल के मुताबिक, मेघालय में कोनराड संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है। त्रिपुरा के लिए जो एग्ज़िट पोल सामने आए हैं उन सभी सर्वे में बीजेपी बहुमत से सरकार बनाती हुई दिख रही है। चाहे वह आज तक एक्सिस माई इंडिया का सर्वे हो या फिर टाइम्स नाउ ईटीजी, ज़ी न्यूज़ या फिर जन की बात का।
वोटिंग के बाद आए एग्ज़िट पोल के नतीजों में आज तक के अनुसार त्रिपुरा में बीजेपी को 36-45 सीटें मिल सकती हैं, वहीं लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 06-11 से सीटें मिलती दिख रही है। जबकि टीएमसी 09-11 सीटें जीतती दिख रही है।
मतदान के बाद आए एग्ज़िट पोल के नतीजों में जी-न्यूज के अनुसार बीजेपी को 29-36 सीटें मिल सकती हैं, वहीं लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 13-21 से सीटें मिलती दिख रही है। जबकि टीएमसी 11-16 सीटें जीतती दिख रही है। जबकि अन्य के खाते में 0-3 सीटें आ सकती हैं।
जिन तीन राज्यों में चुनाव संपन्न हुए हैं उनमें त्रिपुरा सबसे अहम है। इसका कारण यह है कि वर्तमान में वहां बीजेपी की सरकार है। यह उत्तर पूर्व के किसी राज्य में उसकी पहली सरकार है। पिछले चुनाव में बीजेपी, सीपीएम और उसके करिश्माई नेता माणिक सरकार को हराकर सत्ता मे आई थी। माणिक सरकार वहां पिछले 20 साल से सत्ता में बने हुए थे। बीजेपी की जीत और माणिक सरकार की हार को सीपीएम के खत्म होते जनाधार में आखिरी कील के तौर पर समझा गया।
इस बार के चुनाव में जहां कांग्रेस औऱ सीपीएम मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बीजेपी अकेले चुनाव के मैदान में उतरी है। गठबंधन के सहारे जहां कांग्रेस और सीपीएम अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश कर रही हैं वहीं बीजेपी की कोशिश है कि पूर्वोत्तर की इकलौती सरकार को वापस सत्ता में ला सके। चुनाव से पहले भाजपा ने तिप्रा मथा और इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ गठबंधन की कोशिशें की लेकिन वह किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई।
2018 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसने 43.5 प्रतिशत वोट और 36 सीटें पाकर बहुमत प्राप्त किया था। पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज माणिक सरकार की पार्टी सीपीएम 42.22 प्रतिशत वोट और 16 सीटें पाकर दूसरे नंबर पर रही थी। तीसरे नंबर पर इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा रही थी जिसे 7.38 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 8 सीटों पर जीत मिली थी।
सबसे ज्यादा नुक़सान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ा था जो 2013 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नम्बर पर थी। इस चुनाव में चौथे नम्बर पर खिसक गई, जिसे केवल 1.79 प्रतिशत वोट मिले।