केंद्र सरकार ने आज कहा कि कोरोना की मौजूदा तीसरी लहर में अस्पताल में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर 5-10 फीसदी है। हालांकि कोरोना की स्थिति "गतिशील है यानी बढ़ रही है। इससे अस्पताल की जरूरत तेजी से बदल सकती है"। दूसरी लहर के सरकारी आंकड़े बताते हैं, उस समय अस्पताल में भर्ती होने की दर 20-30 फीसदी के बीच थी।
देश में आज पिछले 24 घंटों में 1.79 लाख मामले सामने आए हैं। पॉजिटिविटी रेट 13.29 फीसदी है। करीब 10 दिन पहले देश में रोजाना औसतन 10,000-15,000 मामले दर्ज हो रहे थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कहा, "ऐसा लगता है कि कोरोना में बढ़ोतरी वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी)" ओमिक्रॉन "और देश भर के बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में एक और वीओसी" डेल्टा " की लगातार मौजूदगी की वजह से है।"
भारत में अब तक ओमिक्रॉन के महज़ 4,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सपोर्ट पर रोजाना नजर रखने को कहा है। सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर कोविड केयर सेंटरों को ऑक्सीजन वाले बिस्तरों में अपग्रेड किया जाना चाहिए, साथ ही पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुनिश्चित करने के लिए जूनियर डॉक्टरों, नर्सिंग और एमबीबीएस छात्रों को शामिल करने पर जोर दिया।
इस बीच, दिल्ली, महाराष्ट्र और अन्य राज्य जोर दे रहे हैं कि वे पर्याप्त अस्पताल के बिस्तरों के साथ हालात को संभालने के लिए तैयार हैं, जो अब तक कम अस्पताल में भर्ती हैं। बहरहाल, केंद्र और राज्य सरकारों ने कोरोना की दूसरी लहर से सबक सीखा जरूर है। क्योंकि पहले से ही तमाम राज्यों ने तैयारी शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की थी। मोदी ने कहा था कि वायरस जिस तेजी से फैल रहा है, उसमें जीनोम सिक्वेंसिंग महत्वपूर्ण है। किशोरों के टीकाकरण में तेजी लाने की आवश्यकता है।
उधर, देश में आज स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और 60 से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर खुराक शुरू की है।