क्या विनेश फोगाट के साथ साज़िश हुई है? पेरिस ओलंपिक के फाइनल मुक़ाबले से कुछ घंटे पहले विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। रिपोर्ट है कि भारत इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराने वाला है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ से विरोध दर्ज करने को कहा है। इस बीच, राजनेता से लेकर, खेल के जानकार और किसान नेता तक इस मामले में साज़िश रचे जाने की आशंका जता रहे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है, 'यह एक बेहद दुखद खबर है कि देश की बेटी को कोई अखाड़े के मैदान में नहीं हरा पाया लेकिन साजिश के अखाड़े में हरा दिया गया है। देश का एक मेडल आज राजनीति का शिकार हो गया, यह देश इस दिन को कभी नहीं भूल सकता।'
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ यानी आईओए से आग्रह किया है कि वह पहलवान विनेश फोगाट को स्वर्ण पदक मैच से पहले अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पेरिस ओलंपिक के आयोजकों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराए। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से बात की और उनसे इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष जानकारी मांगी तथा विनेश की हार के बाद भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पीटी उषा से विनेश की मदद के लिए उनकी अयोग्यता के बारे में कड़ा विरोध दर्ज कराने का भी आग्रह किया।
इधर, विनेश फोगाट के फ़ाइनल में न खेल पाने की चर्चा के तकनीकी कारणों की गहरी जाँच-पड़ताल की मांग की गई है। अखिलेश यादव ने इस मामले की जाँच पड़ताल कर इसके पीछे की असली वजह का पता लगाने की मांग की है।
महावीर फोगाट क्या बोले
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने पर उनके चाचा महावीर फोगाट ने एएनआई से कहा, 'मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। पूरे देश को गोल्ड की उम्मीद थी। नियम तो हैं लेकिन अगर कोई पहलवान 50-100 ग्राम ज़्यादा वज़न का है तो उसे खेलने की अनुमति दी जाती है। मैं देश के लोगों से कहूंगा कि निराश न हों, एक दिन वो ज़रूर मेडल लाएगी। मैं उसे अगले ओलंपिक के लिए तैयार करूंगा।'
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, 'विनेश की अब तक की जीत बेहद प्रभावशाली रही है। उन्होंने साहस, क्षमता और दृढ़ संकल्प दिखाया है। मेरे लिए, उन्होंने हमारा दिल जीत लिया है। मैं उनके तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित होने की खबर से बहुत निराश हूँ। मुझे नहीं पता कि ऐसा कैसे हो सकता है, क्या हमारे कोच सभी सही नियमों और सीमाओं का पालन करने के मामले में कमज़ोर पाए गए। मेरे लिए, दुख की बात यह है कि उसके सभी प्रयासों को वह पुरस्कार नहीं मिला जिसकी वह हकदार थी।'
विनेश के सपोट स्टाफ पर उठे सवाल!
स्पोर्ट्स के जानकार पंकज मिश्र ने लिखा है, 'ओलम्पिक टीम के साथ बड़ा सपोर्ट स्टाफ़ होता है। खिलाड़ी बस खेल पर केंद्रित होता है। भोजन-पानी, रहना, सोना, मालिश, दवा, इलाज, नियम-कानून का ध्यान रखना टीम प्रबंधन, टेक्निकल टीम, सहायक स्टाफ, कोच आदि की जिम्मेवारी है। कल 300 ग्रा कम था, आज 100 ग्राम ज्यादा यानी सपोर्ट स्टाफ की साफ लापरवाही है।'
उन्होंने आगे लिखा है, 'साजिश का पता नहीं मगर यह ओलम्पिक में गए अफसरों, कुश्ती के सपोर्ट स्टाफ का क्रिमिनल नेगलिजेन्स है। आईओए के चीफ को, कुश्ती कन्टिनजेन्ट के सारे स्टाफ को तत्काल बर्खास्त करें, आईओसी में जो इंडियन मेम्बर हैं उन्हें इस्तीफा दे कर अपना विरोध जताना चाहिए। यह मिनिमम एक्शन है।'
पत्रकार शकील अख्तर ने भी कुछ ऐसे ही सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है, 'वजन देखना, जांचना, नियंत्रण में रखना मैनेजर, सपोर्टिंग स्टाफ का काम होता है। पहलवान का काम केवल अपना कन्सन्ट्रेशन बनाए रखना और लड़ना होता है। किसकी गलती है किसका दोष किसकी साजिश?'
पप्पू यादव ने भी षड्यंत्र की आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि विनेश फोगाट फिर से अन्याय का शिकार हुई हैं।
हालाँकि, साज़िश थ्योरी के ख़िलाफ़ भी तर्क रखे जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह देव नाम के एक पत्रकार ने साज़िश के ऐंगल को खारिज़ कर दिया है और कहा है कि इसमें कोई तथ्य नहीं है।
बता दें कि पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में फाइनल मुकाबले में अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि वह अपने 50 किलोग्राम स्वर्ण पदक मुकाबले में निर्धारित वजन को कायम नहीं रख सकीं। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, 'यह दुख की बात है कि भारतीय दल महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट की अयोग्यता की खबर साझा कर रहा है। टीम के रात भर के तमाम प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था। इस समय हम और कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। भारतीय टीम आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती है। मौजूदा प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।'