चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर पार्टी के भीतर मंथन जारी है। इस बारे में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी। बैठक के बाद सोनिया गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक समूह का गठन किया है।
इस समूह में कौन से नेता होंगे, इसका एलान अभी नहीं किया गया है। लेकिन इन नेताओं की जिम्मेदारी लोकसभा चुनाव 2014 से जुड़ी राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की होगी।
कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी नव संकल्प चिंतन शिविर लगाएगी। यह शिविर 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होगा और 3 दिन का होगा। शिविर में देश भर से 400 नेता शिरकत करेंगे।
प्रशांत किशोर के द्वारा तमाम तरह के प्रजेंटेशन दिए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस में उन्हें लेकर पॉजिटिव माहौल है और उनका पार्टी में शामिल होना लगभग तय है। सोमवार को सोनिया गांधी ने इस मामले में बनाई गई कमेटी के सभी सदस्यों के साथ गहन चर्चा की। यह कमेटी प्रशांत किशोर के द्वारा दिए गए सुझावों पर सहमत है।
हालांकि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि I-PAC का कांग्रेस के विरोधी राजनीतिक दलों के साथ भी अनुबंध है। I-PAC ने रविवार को 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए टीआरएस के साथ अनुबंध कर लिया था। उस दिन प्रशांत किशोर भी हैदराबाद जाकर टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मिले थे।
छह और कमेटियों का गठन
कांग्रेस ने छह और कमेटियां बनाई हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगी। इन कमेटियों की कमान वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पी. चिदंबरम, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के हाथों में होंगी। मल्लिकार्जुन खड़गे को राजनीतिक प्रस्ताव के ड्राफ्टिंग वाली कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को किसानों और खेती से जुड़े मुद्दों वाली कमेटी का काम सौंपा गया है।
संगठन से जुड़े मामलों वाली कमेटी का नेतृत्व मुकुल वासनिक करेंगे जबकि युवा और सशक्तिकरण के मामलों से जुड़ी कमेटी का काम पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग देखेंगे। सलमान खुर्शीद सामाजिक और सशक्तिकरण मामलों वाली कमेटी का काम देखेंगे।
2024 के लिए तैयारी
साफ है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ ही 2022 और 2023 में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उन्हें लेकर भी काफी गंभीर हैं। प्रशांत किशोर पहले भी कांग्रेस के साथ काम कर चुके हैं और तमाम राजनीतिक दलों के साथ उनका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत बेहतर रहा है। देखना होगा कि कांग्रेस अगर उन्हें शामिल करती है तो क्या पार्टी को इससे कोई फायदा होगा।