एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि कांग्रेस के बिना तीसरा मोर्चा संभव नहीं है। बताना होगा कि बीते दिनों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एनडीए और यूपीए से इतर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद की है।
ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव तमाम विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं और इन दोनों नेताओं की सियासी ख्वाहिश तीसरा मोर्चा बनाकर एनडीए के खिलाफ लड़ने और इस मोर्चे की क़यादत करने की है।
बेहद तजुर्बेकार नेता पवार ने कहा कि कांग्रेस अभी भी देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और इसीलिए उसे साथ लेना जरूरी है।
ममता बनर्जी ने कुछ महीने पहले शरद पवार से भी मुलाकात की थी और यूपीए कुछ नहीं है जैसा बयान दिया था। जिसकी शिवसेना सांसद संजय राउत ने आलोचना की थी और कांग्रेस का साथ दिया था।
लेकिन कुछ दिन पहले ममता बनर्जी ने विपक्ष के तमाम नेताओं को एक पत्र लिखा और कहा था कि अब सभी को एकजुट हो जाना चाहिए। ममता बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा था कि विपक्षी नेताओं की एक बैठक बुलाई जाए।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत बेहद कमजोर है और बीजेपी और एनडीए के खिलाफ बनने वाले किसी मजबूत फ्रंट की अगुवाई करने का उसका दावा कमजोर पड़ा है। दूसरी ओर अगर कुछ विपक्षी दल यूपीए से अलग हटकर कोई तीसरा मोर्चा बनाते हैं तो फिर कौन से दल यूपीए में रहेंगे और कौन से दल तीसरे मोर्चे में शामिल होंगे, यह भी एक बड़ा सवाल है।
बहरहाल, संजय राउत के बाद शरद पवार ने भी कांग्रेस के समर्थन में बयान देकर दिखाया है कि वे विपक्षी एकता को बनाए रखने के लिए कांग्रेस को जरूरी मानते हैं। महाराष्ट्र में चल रही महा विकास आघाडी सरकार में भी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना साथ-साथ हैं।