बीजेपी प्रत्याशी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी को दी गर्दन मरोड़ने की धमकी

03:19 pm Mar 02, 2022 | सत्य ब्यूरो

कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर कल शाम हुआ हमला कितना सुनियोजित था, उसके तथ्य आज सामने आए हैं। इस संबंध में फाजिल नगर से बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह का वीडियो और काफिले पर हमले का वीडियो आज सामने आया है। इन दोनों वीडियो से हालात को समझा जा सकता है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना की निन्दा की है और कहा कि अब बाकी बचे दो चरणों के चुनाव में जनता बीजेपी को जीरो (शून्य) कर देगी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में छठे चरण के लिए कल कुशीनगर जिले की सभी सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसमें फाजिल नगर विधानसभा भी है, जहां कल यह घटना हुई है।

एक वीडियो फेसबुक पर पत्रकार और टीवी पैनलिस्ट निशांत कुमार ने पोस्ट किया है। सत्य हिन्दी इस वीडियो की सत्यता की जिम्मेदारी नहीं लेता है, लेकिन चूंकि यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, इसलिए इसे बताया जाना जरूरी है।वीडियो में फाजिल नगर के बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह उस वीडियो में स्वामी प्रसाद मौर्य की सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य के लिए कह रहे हैं मैं उसको बता देना चाहती हूं कि वो बाहरी हैं। किसी भी कीमत पर उसको छोड़ूंगा नहीं। उसकी गर्दन मैंने पकड़ ली है और 3 तारीख को मैं उसकी गर्दन को ऐंठ दूंगा। मैं बता दे रहा हूं। खुली चुनौती है उसको हमारी। वो लड़की दुबौली में लाठी लेकर घूम रही थी। संघमित्रा मौर्य उसकी बेटी का नाम है। भाजपा ने ही उसको सांसद बनाया है।

दूसरा वीडियो इससे भी ज्यादा खतरनाक है। इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हुए हमले की सच्चाई सामने आ गई। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस हमले के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया है।

इस वीडियो को @4pmnews के पत्रकार आयुष मिश्रा ने ट्वीट किया है। इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक सड़क पर बीजेपी का झंडा और बैनर लगाए कुछ गाड़ियां खड़ी हैं। उसी समय वहां से स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला निकल रहा है। जिन पर सपा के झंडे लगे है। भगवा अंगोछा पहने कुछ लोग इन वाहनों पर पथराव करते नजर आ रहे हैं। एक के सिर पर बीजेपी कार्यकर्ता वाली भगवा टोपी भी है। गालियां भी निकाली जा रही हैं। वीडियो बनाने वाले की आवाज भी उसमें सुनाई दे रही है कि देखिए ये हमला हो रहा है। यह वीडियो चूंकि एक पत्रकार का है, इसलिए इसे यहां पोस्ट किया जा रहा है। वीडियो से सत्य हिन्दी का कोई संबंध नहीं है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कल हुई घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि जिस वाहन में बैठकर अक्सर वो चलते हैं, उसकी बजाय चुनाव प्रचार में अपनी गाड़ी बदलते रहते हैं। रास्ते में बीजेपी कार्यकर्ता डंडा, ढेला (पत्थर), कट्टे वगैरह लेकर बैठे थे। जब हमारा काफिला वहां से निकला तो उन्होंने मेरी गाड़ी पर पथराव किया, लेकिन मैं दूसरी गाड़ी में था। ऐसे हमले बीजेपी के संरक्षण में हो रहे हैं। बता दें कि स्वामी की बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी कल आरोप लगाया था कि उनके पिता के काफिले पर बीजेपी ने हमला कराया है। मीडिया के सामने बयान देते समय संघमित्रा का चेहरा गुस्से में लाल था। जब वो घटनास्थल पर पहुंची तो वहां बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेरकर नारेबाजी भी की। हालांकि पुलिस ने उन कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कल हुई इस घटना की निन्दा की है। उन्होंने कहा - स्वामी प्रसाद मौर्या जी पर हुआ हमला हारते हुए लोगों की अति निंदनीय हरकत है। ये हमला सपा-गठबंधन के हर दल के कार्यकर्ता व उनके नेताओं के ऊपर किये गये हमले के समान है। सब मिलकर इसका जवाब बाकी दो चरणों में भाजपा को ज़ीरो करके देंगे। इस सरकार से किसी कार्रवाई की अपेक्षा ही बेमानी है।

बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला उस समय हुआ जब कुशीनगर और फाजिलपुर के बीच खलवा पट्टी से स्वामी का काफिला निकल रहा था। उसी दौरान कुछ अराजक तत्वों ने हमला कर दिया।

स्वामी प्रसाद पहले बीजेपी में थे और मंत्री थे। लेकिन चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले उन्होंने बगावत कर दी। उनके बगावत करते ही बीजेपी के कई ओबीसी विधायकों और दो अन्य मंत्रियों ने बीजेपी छोड़ दी। स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ने से यूपी की ओबीसी राजनीति प्रभावित हो गई। उसने सारे समीकरण बिगाड़ दिए। 

बीजेपी को कई टिकट काटने पड़े, प्रत्याशी बदलने पड़े। बहुत सारे लोगों ने बीजेपी छोड़ी लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी की नजरों में खटक रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने कल की घटना को स्वामी प्रसाद मौर्य की नौटंकी करार दिया है लेकिन जिस तरह से कल की घटना के वीडियो सामने आ रहे हैं, वो घटना महज नौटंकी नहीं रही। कुशीनगर में कल मतदान है। उससे पहले इस घटना का होना बहुत कुछ बताता है। अभी तक फाजिल नगर पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की और न ही यूपी के डीजीपी का इस संबंध में कोई बयान आया है। चुनाव आयोग ने भी अब तक घटना का संज्ञान नहीं लिया है, जबकि मीडिया के जरिए उसके पास सूचना पहुंच चुकी है।