राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को सारा दिन गुड़गांव के पास सोहना में हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर जमे रहे। वो वहां से राजस्थान के भाजपा विधायकों के लगातार संपर्क में थे। हालांकि सोहना में वो पार्टी के कार्यक्म में भी गए थे। एएनआई की खबर है कि नड्डा शनिवार देर शाम भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों से बात करेंगे। कुछ खबरों में कहा जा रहा है कि वो ऑनलाइन बात करेंगे।
इससे पहले पार्टी आलाकमान ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद सरोज पांडे और विनोद तावड़े को राजस्थान का केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक केंद्रीय पर्यवेक्षक अभी तक जयपुर नहीं पहुंचे हैं और न ही विधायक दल के बैठक की कोई सूचना है। लेकिन एएनआई ने एक फ्लैश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि नड्डा शनिवार देर शाम विधायकों की बैठक को संबोधित करेंगे। किसी पर्यवेक्षक की ओर से कोई बयान भी नहीं आया है कि विधायक दल की बैठक कब है। जबकि एमपी और छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायक दल की बैठक घोषित कर दी गई है।
राजस्थान भाजपा में लगातार राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दो दिन से दिल्ली में हैं। शुक्रवार को उनकी मुलाकात जेपी नड्डा से हुई थी। शुक्रवार को ही योगी बालकनाथ ने सीएम रेस में खुद को शामिल करते हुए केंद्रीय पर्यवेक्षक सरोज पांडे के साथ नड्डा से मुलाकात की थी। लेकिन बालकनाथ ने शनिवार को ट्वीट करके खुद को सीएम रेस से बाहर कर लिया। हालांकि उन्होंने गुरुवार को बतौर भाजपा सांसद इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी। हरियाणा में उनके समर्थकों ने लड्डू तक तैयार कर लिए थे। पार्टी के निर्देश पर बुधवार को राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किशोरी लाल मीणा ने बतौर सांसद इस्तीफा दिया था और इनकी पीएम मोदी के साथ फोटो भी आई। वो फोटो सभी इस्तीफा देने वाले सांसदों की थी। उसमें बालकनाथ नहीं थे।
भाजपा आलाकमान ने राजस्थान के नेताओं को संकेत भेजा कि राज्यवर्धन राठौड़, दीया कुमारी और किशोरीलाल मीणा में से किसी एक को सीएम बनाया जा सकता है। पीएम मोदी की पसंद दीया कुमारी बताई गई थीं। लेकिन इस खबर के आने के बाद भाजपा के नवनिर्वाचित 25 विधायक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से आशीर्वाद लेने पहुंच गए। हालांकि वसुंधरा के पास करीब 30 भाजपा विधायक हैं। भाजपा आलाकमान ने इस संदेश को ग्रहण किया कि वसुंधरा ने चुनौती दे दी है। इसलिए फिलहाल राजस्थान के सीएम की घोषणा और विधायक दल की बैठक का आयोजन रोक दिया गया है। हालांकि सोमवार तक इसमें प्रगति की उम्मीद की जा रही है।
अब जो नया घटनाक्रम सामने आया है, उसमें नड्डा विधायकों की बैठक को संबोधित करने वाले हैं। चाहे वो ऑनलाइन संबोधन हो या बुलाकर बातचीत हो। बताया जाता है कि भाजपा के कुछ विधायकों ने शनिवार को ललितम मीणा के नेतृत्व में नड्डा से मुलाकात की थी। लेकिन सवाल ये खड़ा हो रहा है कि जब केंद्रीय पर्यवेक्षक बना दिए गए हैं तो वे जयपुर क्यों नहीं पहुंचे। आखिर क्या वजह है कि केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों से समन्वय करके विधायक दल की बैठक नहीं करा पा रहे हैं।
समझा जाता है कि नड्डा के संबोधन की घोषणा करके पार्टी ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि अगर सारे विधायक शनिवार शाम को ऑनलाइन आकर नड्डा से बातचीत करते हैं तो फिर वसुंधरा खुद ही ठंडी पड़ जाएंगी। यह भी साबित हो जाएगा कि वसुंधरा समर्थक विधायक इस ऑनलाइन बैठक में शामिल होंगे भी या नहीं। इसे जानने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। बहरहाल, राजस्थान भाजपा निर्णायक दौर की तरफ बढ़ रही है।