राहुल गांधी के 'शक्ति' शब्द को लेकर पीएम मोदी द्वारा हमला किए जाने के बाद अब राहुल गांधी ने उस शक्ति शब्द का मतलब समझाया है जिसके संदर्भ में उन्होंने इसका इस्तेमाल किया था। राहुल ने कहा है कि 'जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं।' उन्होंने कहा है कि 'वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है, वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है।'
राहुल गांधी ने कहा है, 'वह एक ऐसी शक्ति है जिसने आज, भारत की आवाज़ को, भारत की संस्थाओं को, सीबीआई, आईटी, ईडी को, चुनाव आयोग को, मीडिया को, भारत के उद्योग जगत को, और भारत के समूचे संवैधानिक ढाँचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है। उसी शक्ति के लिए नरेंद्र मोदी जी भारत के बैंकों से हज़ारों करोड़ के क़र्ज़ माफ़ कराते हैं जबकि भारत का किसान कुछ हज़ार रुपयों का क़र्ज़ न चुका पाने पर आत्महत्या करता है।'
उन्होंने आगे कहा, 'उसी शक्ति को भारत के बंदरगाह, भारत के हवाई अड्डे दिये जाते हैं जबकि भारत के युवा को अग्निवीर का तोहफ़ा दिया जाता है जिससे उसकी हिम्मत टूट जाती है। उसी शक्ति को दिन रात सलामी ठोकते हुए देश का मीडिया सच्चाई को दबा देता है। उसी शक्ति के ग़ुलाम नरेंद्र मोदी जी देश के गरीब पर जीएसटी थोपते हैं, महंगाई पर लगाम न लगाते हुए, उस शक्ति को बढ़ाने के लिए देश की संपत्ति को नीलाम करते हैं।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'उस शक्ति को मैं पहचानता हूँ, उस शक्ति को नरेंद्र मोदी जी भी पहचानते हैं, वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है, वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है। इसलिए जब जब मैं उसके ख़िलाफ़ आवाज उठाता हूँ, मोदी जी और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है, भड़क जाती है।'
राहुल ने कहा, 'मोदी जी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ हमेशा बदलने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है।'
राहुल गांधी की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब प्रधानमंत्री मोदी ने उस शक्ति शब्द को मुद्दा बना दिया है और उसे धर्म से जोड़ दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तेलंगाना में एक जनसभा में कहा है कि उनके गठबंधन के घोषणा पत्र का ऐलान है कि उनकी लड़ाई शक्ति के खिलाफ है। पीएम मोदी ने कहा कि 'मेरे लिए हर मां शक्ति का रूप है, हर बेटी शक्ति का रूप है। मैं इनको शक्ति के रूप में पूजता हूं और मैं इन शक्ति स्वरूपा माताओं-बहनों की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दूंगा। एक ओर शक्ति के विनाश की बात करने वाले लोग हैं, दूसरी ओर शक्ति की पूजा करने वाले लोग हैं।' उन्होंने कहा कि मुकाबला 4 जून को हो जाएगा कि कौन शक्ति का विनाश कर सकता है और कौन शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
बीजेपी ने जब इसे धर्म से जोड़कर मुद्दा बनाया तो कांग्रेस ने भी इसका जवाब दिया। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'अब यह देश आसुरी शक्ति से नहीं, दैवी शक्ति से चलेगा। दस साल जब कठुआ, उन्नाव, हाथरस में आपकी पार्टी बलात्कारियों के पक्ष में मोर्चे निकाल रही थी, तब शक्ति की उपासना याद नहीं आई? जब मणिपुर में महिलाओं को नंगा दौड़ाया जा रहा था, तब कौन सी शक्ति आपको चुप रख रही थी?'
उन्होंने आगे पूछा, 'जब महिला पहलवान सड़क पर थी और बृजभूषण शरण सिंह भीतर आपके घर में, तब कौन सी शक्ति की उपासना कर रहे थे?' पवन खेड़ा ने कहा, 'यह चुनाव दैवी शक्ति और आसुरी शक्ति के बीच होगा और जीत दैवी शक्ति की होगी। जीत राहुल गांधी की होगी। जीत इंडिया गठबंधन की होगी। जीत इस देश के नौजवान की होगी। जीत इस देश के किसान की होगी। जीत भारत माँ की होगी।'
बता दें कि राहुल गांधी ने रविवार को 'भारत जोड़ो न्याय मंजिल- इंडिया रैली' में पीएम मोदी पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने कहा था, "हमारी लड़ाई, एक राजनीतिक पार्टी से नहीं है। हमारी लड़ाई किसी एक व्यक्ति से नहीं है। हिंदू धर्म में 'शक्ति' शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि यह शक्ति क्या है, उन्होंने कहा कि यह शक्ति पीएम मोदी द्वारा एजेंसियों पर कब्जा किए जाने, नेताओं को डराने-धमकाने, पार्टियों को तोड़ने वाली शक्ति है। उन्होंने कहा था कि वह उस शक्ति से लड़ रहे हैं।
राहुल ने कहा था, 'नरेंद्र मोदी सिर्फ एक मुखौटा है। एक्टर है... खोखला व्यक्ति है। जैसे बॉलीवुड के अभिनेता हैं, उस तरह रोल दिया गया है। आज सुबह आपको ये करना है, कल आपको ये करना है। सुबह उठकर समुद्र के नीचे जाओ, सी-प्लेन में उड़ो। 65 इंच की छाती नहीं है, खोखला व्यक्ति है।'