प्रधानमंत्री कितनी चतुराई से अपने भाषणों में बदलाव करते हैं, उसका नमूना आज देखने को मिला। उनकी पहली रैली पठानकोट (पंजाब) में थी तो दूसरी रैली सीतापुर (उत्तर प्रदेश) में थी। उनके भाषणों से पता चलता है कि वे जगह और राज्य के हिसाब से भाषणों में बदलाव करते हैं। पठानकोट में पुलवामा, सर्जिकल स्ट्राइक की बातें थीं तो सीतापुर में वो गरीबी पर भाषण झाड़ रहे थे।
सीतापुर की रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि बाकी लोग तो गरीबी पर सिर्फ भाषण देते हैं, मैं गरीबी को जीकर यहां तक पहुंचा है। प्रधानमंत्री ने बहुत दिनों बाद अपनी गरीबी को याद किया। उन्होंने यहां रैली में कहा कि मैं भी आप लोगों की तरह एक गरीब परिवार से आया हूं। मैंने गरीबी पर भाषण नहीं सुने हैं। मैंने गरीबी को जिया है। गरीब की जिन्दगी क्या होती है, यह मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। यूपी में योगी सरकार गरीबों को सशक्त बनाने का काम गंभीरता से कर रही है।
प्रधानमंत्री ने गरीबों को गुंडाराज की परेशानियों से भी जोड़ा। अगर आप घर, बंगला, गाड़ी, खेत-खलिहान से सुखी हैं तब तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन जब बाहर गई आपकी बेटी या बेटा घर सुरक्षित नहीं लौटते तो ऐसा पैसा किस काम का है। आपको सुरक्षा चाहिए। कानून के राज से ही सुरक्षा मिल सकती है। माफिया और गुंडाराज में गरीब की सुनवाई नहीं होती है। यूपी में घोर परिवारवादियों ने कुछ ऐसा ही माहौल बना रखा था। योगी की सरकार इन दंगाइयों, अपराधियों से मुक्ति दिलाने का काम कर रही है। इसलिए यूपी आज कह रही है कि योगी ही कानून का राज लाए थे, इसलिए हम उन्हें दोबारा लाएंगे। उन्होंने कहा-
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जब कानून का राज नहीं रहता तो उसका नुकसान बेचारा गरीब ही उठाता है।
- पीएम मोदी, बुधवार शाम को सीतापुर रैली में
गुंडों, माफिया और दंगाइयों पर काफी कुछ बोलने के बाद मोदी फिर गरीबों पर लौटे। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड 19 और लॉकडाउन के दौरान सरकार का ध्यान बस इसी बात पर रहा कि किसी गरीब का चूल्हा नहीं बुझने पाए। आप लोगों को भूखा नहीं सोना पड़े, इसलिए हम जागते रहे। गरीबों का जो राशन पहले यूपी में माफिया लूट लेता था, अब उसका एक-एक दाना गरीबों के घर पहुंच रहा है। उन्होंने इस मौके पर संत रविदास को भी याद किया। मोदी ने बताया कि दलितों की चिन्ता भी सिर्फ बीजेपी ही करती है।
यूपी में तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। अभी तक दो चरणों के मतदान में बीजेपी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ये दोनों चरण जाट और मुस्लिम बहुल वाली विधानसभा सीटों वाले इलाके में थे। बीजेपी प्रत्याशियों को तमाम स्थानों पर मतदाताओं के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। अभी पांच चरणों का चुनाव बाकी है। नतीजे 10 मार्च को आएंगे।