विपक्ष की एकजुटता के जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भी भाजपा खड़ा करने की कोशिश कर रही है। हालांकि केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा एनडीए को पूरी तरह भूल गई थी। लेकिन अब उसे एनडीए की फिर जरूरत महसूस हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की है कि एनडीए के 38 सहयोगियों ने आज मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।
एनडीए की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। एनडीए की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। नई दिल्ली में एनडीए की बैठक की पूर्व संध्या पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद गठबंधन में शामिल हो गए।
एनडीए की बैठक भाषण तक सीमित रहने वाली है। जिसमें जाहिर है कि सभी दलों के नेता, अगर उन्हें बोलने का मौका मिला, तो पीएम मोदी का गुणगान करने के अलावा और कोई कार्यक्रम या भाजपा को जमीनी जानकारी देने की उम्मीद कम ही लगती है। बिहार के चिराग पासवान, यूपी के ओमप्रकाश राजभर या दक्षिण से पवन कल्याण अपने निश्चित मकसद के लिए एनडीए में शामिल हुए हैं। इस तरह एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री का भाषण ही मुख्य आकर्षण होगा।
भाजपा चाहे जितना दावा करे, विपक्ष की एकजुटता औऱ उसमें राजनीतिक दलों की मौजूदगी के आगे एनडीए की चमक फीकी है। उसमें शामिल होने वाले राजनीतिक दल विपक्षी दलों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते। एनडीए में कई ऐसे दल भी शामिल होने का दावा किया गया है, जिनकी अतीत की राजनीति तो बहुत उल्लेखनीय रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके बारे में कुछ नहीं सुना गया। यानी वो खबरों में ही नहीं थे।
एनडीए की बैठक से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक-अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ''देश की राजनीति में अब लड़ाई जैसा कुछ नहीं है। यूपी पर नजर डालें तो 80 सीटें हैं- विपक्ष कहां जीतेगा? सभी 80 सीटें एनडीए जीतेगी। मुझे लगता है कि चुनाव अब केवल एक औपचारिकता है, विपक्ष जितना चाहे उतना शोर मचा सकता है - इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा...हमारा गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है...।''
“
एनडीए में पंजाब की प्रमुख पार्टी शिरोमणि अकाली दल (बादल) के होने का भी दावा किया गया है। जबकि अकालियों का यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे पर मतभेद है। ऐसे में अकाली दल शामिल होंगे, यह संशय अंत तक बना रहेगा। अगर अकाली दल आज एनडीए की बैठक में आता है तो इसका अर्थ है कि वो यूसीसी पर भी सहमत है। इसी तरह हरियाणा में भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार चला रहे हैं लेकिन जेजेपी ने हाल ही में घोषणा की थी वो हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि भाजपा शुरू से ही सभी दस सीटों पर लड़ती रही है। ऐसे में जेजेपी आज की बैठक में आती है या नहीं, इस पर नजर रहेगी।
दिल्ली पहुंचे बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने कहा- ''...अपनी जमीन पर, नीतीश कुमार बड़े असफल साबित हुए हैं - चाहे वह भ्रष्टाचार हो, विकास हो, सामाजिक क्षेत्र में गरीबों का शोषण हो...वह एक बड़े विफल नेता है। यदि उन्हें संयोजक बनाया जाता है, तो मैं उन्हें कुछ सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना करूंगा।"