महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के बीच राज्य की 48 लोकसभा सीटों पर लड़ने के लिए समझौता हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी सबसे ज्यादा 21 सीटों पर लड़ेगी। कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं और शेष 10 सीटों पर शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी लड़ेगी।
कांग्रेस ने भिवंडी और पवार ने सांगली सीट छोड़ी
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर मंगलवार को स्थिति एकदम साफ हो गई। शिव सेना (यूबीटी) से ताल्लुक रखने वाले पहलवान चंद्रहार पाटिल महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में सांगली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद संजयकाका पाटिल से होगा, जिन्हें पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है।कांग्रेस ने भिवंडी सीट भी छोड़ दी है, जिस पर शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी चुनाव लड़ेगी।
दरअसल, विपक्षी दलों के बीच सांगली और भिवंडी पर दावों की वजह से इसे बड़ा मतभेद कह कर प्रचारित किया जा रहा था। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) के तर्कों से कांग्रेस सहमत हुई और उसने मंगलवार को चंद्रहार पाटिल के नाम पर मुहर लगा दी। सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सांगली जाने और चंद्रहार पाटिल की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस और सेना के बीच हल्का सा मतभेद उभरा था। कांग्रेस का सांगली को लेकर तर्क यह था कि सांगली कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ रहा है और यहां से उसके दो विधायक हैं, जबकि सेना के पास एक भी नहीं है। कांग्रेस यहां से बसंतदादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल को लड़ाना चाहती थी। विशाल पाटिल को अब राज्यसभा से नवाजा जाएगा। इसके लिए तीनों दल सहमत हो गए हैं।
एमवीए नेताओं ने यह भी साफ कर दिया कि ठाकरे की पार्टी मुंबई की छह सीटों में से चार - उत्तर पश्चिम, दक्षिण मध्य, दक्षिण और दक्षिण पूर्व सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी। जबकि कांग्रेस उत्तर और उत्तर मध्य से चुनाव लड़ेगी।
उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- " हमारा लक्ष्य भाजपा को उखाड़ फेंकना है। हम इस दिशा में एकजुट होकर काम करेंगे।" ठाकरे ने कहा, "एक समय आता है जब हमें आगे बढ़ना होता है... हम चुनाव जीतने के लक्ष्य के साथ इस समझौते पर पहुंचे हैं। हमने यह किया है... अब लोग फैसला करेंगे।" शरद पवार ने कहा कि अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा जल्द करूंगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हम तानाशाही शक्तियों को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं। एमवीए का सीट-शेयर समझौता प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ीके बातचीत से हटने के तुरंत बाद हुआ है।
घाटे में शिंदे सेना
2019 में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कुल 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और महाराष्ट्र में 22 सीटें जीतीं। दूसरी ओर, अब भाजपा और शिंदे सेना का समझौता है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना राज्य में करीब 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। शिंदे ने 18 लोकसभा सीटें मांगी थीं, लेकिन भाजपा ने आंतरिक सर्वेक्षण में शिवसेना के मौजूदा लोकसभा सांसदों के खिलाफ नकारात्मकता का हवाला देते हुए अधिक सीटें देने से इनकार कर दिया। इसलिए, इन मौजूदा लोकसभा सांसदों को मजबूरन बाहर होना पड़ा। यानी जो पिछली बार सांसद चुने गए थे। वो भी टिकट नहीं पा सके। भाजपा ने बहुत होशियारी से उन्हें ठिकाने लगा दिया।
सीएम शिंदे को धाराशिव, नासिक, रायगढ़, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी सहित सेना की पारंपरिक रूप से लड़ी जाने वाली सीटें बीजेपी और गठबंधन सहयोगियों को देने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है। इसके अलावा, जालना, वाशिम और रामटेक में बीजेपी ने उन्हें अपनी पसंद के मुताबिक उम्मीदवार बदलने के लिए मजबूर किया। कुल मिलाकर एमवीए में जहां उद्धव ठाकरे की पार्टी फायदे में है, वहीं एनडीए गठबंधन में भाजपा के मुकाबले उसके बाकी सहयोगी दल घाटे में हैं।