बीते कुछ महीनों में कांग्रेस के खिलाफ हमलावर रही टीएमसी ने अब उसके सामने गठबंधन के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। बात हो रही है गोवा के विधानसभा चुनाव की, जहां पर ममता बनर्जी की पार्टी यानी टीएमसी जोर शोर से चुनाव मैदान में उतरी है।
याद दिला दें कि ममता बनर्जी ने बीते कुछ महीनों में कांग्रेस पर जोरदार हमले किए और कहा था कि कांग्रेस राजनीति करने के लिए गंभीर नहीं है। ममता ने यह भी कहा था कि यूपीए क्या है, यूपीए कुछ नहीं है।
टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरो सहित कांग्रेस के कई नेताओं को तोड़ा था लेकिन अब गोवा में टीएमसी की प्रभारी महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करके कहा है कि बीजेपी को हराने के लिए एक बड़े गठबंधन की जरूरत है।
ममता बनर्जी का जिस तरह का चुनाव प्रचार गोवा में चल रहा है उससे यह साफ दिख रहा है कि वह किसी भी कीमत पर इस राज्य में अपनी सरकार बनाना चाहती हैं। इसी के चलते उन्होंने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी यानी एमजीपी के साथ भी चुनावी गठबंधन किया है।
लेकिन अब ममता बनर्जी को कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी सहित बाकी दलों का भी साथ चाहिए। इनमें से गोवा फॉरवर्ड पार्टी का पहले से ही कांग्रेस के साथ गठबंधन है। महुआ मोइत्रा ने अपने ट्वीट में कहा है कि टीएमसी गोवा में बीजेपी को हराने के लिए सब कुछ करेगी और पहले भी करती रही है।
आप भी मैदान में
गोवा में हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ा दल बन कर उभरी थी लेकिन बीजेपी ने वहां जोड़-तोड़ करके सरकार बना ली थी। इस बार टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतर कर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
कांग्रेस ने पूछा सवाल
महुआ मोइत्रा के इस ट्वीट पर गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश चोडाणकर ने कहा है कि जबसे टीएमसी गोवा में आई है, वह कांग्रेस को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि टीएमसी को पहले यह साफ करना चाहिए कि उसका विरोधी कौन है बीजेपी या कांग्रेस और वह किसके नेताओं को तोड़ रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि टीएमसी बीजेपी को हराने के कांग्रेस के मिशन में रुकावट डाल रही है।
ऐसी संभावना है कि गोवा में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी को भी कुछ सीटें दे सकती है। कांग्रेस की इन दोनों दलों के साथ बातचीत चल रही है। महाराष्ट्र में ये दल मिलकर सरकार चला रहे हैं।
ममता बनर्जी बीते महीने महाराष्ट्र जाकर शरद पवार से भी मिली थीं और वह विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाकर उसकी अगुवाई करना चाहती थीं।
हालांकि ममता बनर्जी की इस मुहिम को शिवसेना ने करारा झटका दिया था और कहा था कि कांग्रेस की जगह लेने का मंसूबा घातक है। शिवसेना ने कहा था कि जिसे विपक्ष का मजबूत गठबंधन चाहिए उन्हें खुद पहल करके यूपीए की मजबूती के लिए कोशिश करनी चाहिए।