कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को हरियाणा-पंजाब के किसानों को उन तीन काले कानूनों की याद दिलाई, जिसे पीएम मोदी लाए थे और बाद में माफी मांगकर उन्हें वापस ले लिया था। हालांकि उसके पहले किसानों को इसके लंबा आंदोलन चलाना पड़ा था। राहुल ने शनिवार को कहा- नरेंद्र मोदी ने किसानों को 3 काले कानून दिए थे, हम उनके लिए 3 संजीवनी लेकर आ रहे हैं!
राहुल गांधी की तीन संजीवनी किसानों से जुड़ी है और हरियाणा-पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव के आगामी चरण यानी छठा और सातवां इन्हीं बेल्ट में हैं। उसी के मद्देनजर राहुल ने तीन संजीवनियां घोषित की हैं। जानिए कौन-कौन सी है राहुल की तीन संजीवनी।
राहुल गांधी की तीन संजीवनी
- पहली संजीवनी: MSP की कानूनी गारंटी
- दूसरी संजीवनी : कर्ज़ माफी और GST मुक्त किसानी
- तीसरी संजीवनी : 30 दिन के अंदर फसल बीमा की रकम का भुगतान
राहुल गांधी ने कहा कि इन तीन संजीवनी रूपी गारंटियों के साथ-साथ हम गरीब परिवारों की महिलाओं को 1 लाख रू साल देने और युवाओं की 1 लाख की पहली नौकरी पक्की करने जा रहे हैं, जिसका सीधा लाभ भी किसान परिवारों को मिलेगा। राहुल ने कहा- भाजपा ने किसानों पर लाठियां बरसाई, उनकी राहों में कीलें बिछाई, कांग्रेस उनके लिए प्रगति की राह बनाएगी। कर्ज़ से मुक्त खुशहाल किसानों के साथ, अब हाथ बदलेगा हालात।
हरियाणा में मोदी के सुर
पीएम मोदी ने शनिवार को हरियाणा फिर गारंटी बांटी। हरियाणा की रैली में उनके सुर जरा बदले हुए नजर आए। लेकिन उनकी यह गारंटी जरा लीक से हटकर है। अंबाला में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "मोदी विकसित भारत के संकल्प के साथ निकले हैं...मैं आपको गारंटी देता हूं, आपके सपने ही मेरा संकल्प हैं। पल-पल आपका नाम, पल-पल देश के नाम। 2047 तक 24/7।" यानी मोदी कहना चाहते हैं कि वो 2047 तक पूरे हफ्ते 24 घंटे काम करेंगे।मोदी ने सोनीपत की रैली में कहा- "कांग्रेस ने सिर्फ अपने 'वोट जिहाद' को खुश करने के लिए राम मंदिर के निर्माण को रोकने की पूरी कोशिश की। इसके बावजूद, उन्हें 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए आमंत्रित किया गया था। हालांकि, उन्होंने भगवान राम के प्रति घृणा के कारण 'प्राण प्रतिष्ठा' नहीं की, क्या आप उन लोगों को स्वीकार करेंगे जिन्होंने भगवान राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया?'
मोदी ने कहा, "कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर है और इसलिए भ्रमित है। वे उन पुराने दिनों को याद कर रहे हैं जब शाही परिवार रिमोट से सरकार को नियंत्रित करता था। सारी योजनाएँ एक ही पार्टी के सदस्यों के नाम पर होती थीं। इन योजनाओं का पैसा भ्रष्टाचारियों की तिजोरी में जाता था... नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती लोग। वे किसी भी कीमत पर सत्ता चाहते हैं...।"