झारखंडः बड़ा आरोप- भाजपा से चुनाव लड़ने को मना किया तो कांग्रेस MLA पर ईडी छापे

12:18 pm Mar 13, 2024 | सत्य ब्यूरो

झारखंड में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने बुधवार को अपने परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तलाशी पर प्रतिक्रिया व्यक्त दी। अंबा प्रसाद ने दावा किया कि ईडी की तलाशी उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से इनकार करने का नतीजा है।

पीटीआई ने कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का वीडियो बयान जारी किया। जिसमें वो कह रही हैं- “मुझे भाजपा की ओर से हज़ारीबाग़ से सांसद टिकट की पेशकश की गई, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया। भाजपा पक्ष के कुछ लोगों ने मुझ पर चतरा इलाके से भी चुनाव लड़ने का दबाव बनाया। हम कांग्रेस पार्टी से हैं, और हमने लगातार बड़कागांव सीट जीती है।”

अंबा ने कहा- “हम हज़ारीबाग़ के उस क्षेत्र में बहुत मजबूत हैं। मैंने इसे पार्टी और मीडिया के नजरिए से देखा कि मैं एक विजयी उम्मीदवार हूं। तो यह मेरे इनकार का नतीजा है और मुझे यातना का शिकार होना पड़ा, जो अस्वीकार्य है।” 

ईडी मंगलवार से ही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के रांची स्थित आधिकारिक आवास सहित उनसे जुड़े कई स्थानों पर तलाशी ले रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने कहा- हजारीबाग जिले के बड़कागांव विधानसभा से कांग्रेस विधायक और सहयोगियों से संबंधित 17 स्थानों पर तलाशी ली गई।

मौजूदा झारखंड विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक अंबा पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव की बेटी हैं। उनकी मां निर्मला देवी भी पूर्व विधायक हैं। पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार को निर्मला देवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले उनका मनोबल तोड़ने के लिए ईडी ने उनकी बेटी के परिसरों पर छापा मारा है। उन्होंने कहा, "मुझे छापे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, क्योंकि मैं अंदर नहीं थी। मुझे यह मीडियाकर्मियों के माध्यम से पता चला। मैं अब राजनीति में नहीं हूं। मैंने अपनी बेटी से राजनीति छोड़ने के लिए कहा था।"

चुनाव से पहले मनोबल तोड़ने के लिए कार्रवाई (ईडी छापे) की जा रही है।


-निर्मला देवी, पूर्व विधायक और कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद की मां, 13 मार्च 2024 सोर्सः पीटीआई

झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने छापों के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सिर्फ विपक्ष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "केवल विपक्ष के नेताओं को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। यह तो चुनावी की अभी शुरुआत है और उन्होंने (भाजपा) अपने इरादे साफ कर दिए हैं।"

विपक्ष इससे पहले भी आरोप लगा चुका है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां सिर्फ विपक्षी नेताओं को ही क्यों निशाना बना रही हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दलीलें भी पेश की गई थीं। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन इस समय जेल में हैं। ईडी ने उनके ठिकानों पर एक साल तक छापे मारे, फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह से विपक्ष के कई नेता ईडी, सीबीआई, इनकमटैक्स के निशाने पर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी ऐसी ही गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। उन पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है और उनको भी ईडी अब तक 8 समन भेज चुकी है। विपक्षी दलों के इन नेताओं के अलावा आरजेडी नेता लालू यादव, तेजस्वी यादव से लेकर टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, अशोक गहलोत के बेटे, शरद पवार के रिश्तेदार, शिवसेना यूबीटी के संजय राउत, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, कार्ति चिदंबरम, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आप नेता मनीष सिसोदिया व संजय सिंह, केसीआर की बेटी तक पर ईडी की किसी न किसी तरह की कार्रवाई चल रही है। नेहरू-गांधी परिवार में सोनिया और राहुल भी ईडी की जाँच के दायरे में हैं। यानी चुनाव से पहले पूरे के पूरे विपक्ष पर ईडी का किसी न किसी तरह का मामला है।