बीजेपी ने मणिपुर में जेडीयू को जोरदार झटका दिया है। यहां जेडीयू के 6 में से 5 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। मणिपुर की विधानसभा ने शुक्रवार को इस संबंध में बयान जारी किया है। बताना होगा कि दिसंबर, 2020 में भी अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 7 में से 6 विधायक बीजेपी के साथ आ गए थे।
इस तरह बीजेपी ने पूर्वोत्तर के एक और राज्य में अपनी पूर्व सहयोगी जेडीयू को करारा झटका दिया है।
मणिपुर में इस साल फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव हुए थे जिसमें जेडीयू ने राज्य में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे 6 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में जॉयकिशन, एन. सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, पूर्व डीजीपी एल एम खौटे और थंगजाम अरुणकुमार हैं।
बिहार के बाद अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर ही ऐसे दो राज्य हैं जहां पर जेडीयू का राजनीतिक आधार है लेकिन बीजेपी ने इन दोनों राज्यों में उसके विधायकों में बड़े पैमाने पर सेंधमारी कर उसे जबरदस्त झटका दिया है।
बिहार में राजनीतिक उलटफेर
बिहार में बीते महीने एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ था जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद से ही जेडीयू और बीजेपी के बीच में जुबानी जंग तेज हो गई है।
जेडीयू की ओर से नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष के चेहरे और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा रहा है और अब इस ताजा घटनाक्रम के बाद निश्चित रूप से बीजेपी और जेडीयू के बीच सियासी तकरार और बढ़ सकती है।
ऑपरेशन लोटस
इससे पहले भी कई राज्यों में विपक्षी दलों के विधायक टूटकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। कर्नाटक से लेकर मध्य प्रदेश और गोवा से लेकर उत्तराखंड तक, ऐसे कई राज्य हैं जहां पर बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस के जरिए दूसरे दलों के विधायकों को तोड़ने और विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने के आरोप लग चुके हैं।
पिछले दिनों दिल्ली में ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। अब खबर यह भी है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के कम से कम 10 विधायक टूटकर बीजेपी और एकनाथ शिंदे के गुट के साथ आ सकते हैं।