6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को वोट डाले गए। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे इन उपचुनावों को अहम माना जा रहा है। इनके नतीजे 6 नवंबर को आएंगे। 6 राज्यों की 7 सीटों में, बिहार में मोकामा और गोपालगंज, हरियाणा में आदमपुर, महाराष्ट्र में अंधेरी ईस्ट, तेलंगाना में मुनुगोड़े, उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा की धामनगर सीट शामिल है। इनमें से कई सीटों पर बीजेपी का मुकाबला क्षेत्रीय दलों से है।
मोकामा और गोपालगंज
पहले बात करते हैं बिहार की 2 सीटों मोकामा और गोपालगंज की। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी लड़ाई है। यह उपचुनाव इसलिए अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ आने के बाद यह पहला बड़ा चुनाव है।
गोपालगंज की सीट पर आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा को बीएसपी ने उम्मीदवार बनाया है। साधु यादव यहां से विधायक और सांसद भी रहे हैं। जेडीयू ने गोपालगंज और मोकामा दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। आरजेडी ने इस सीट पर मोहन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया जबकि बीजेपी ने कुसुम देवी को टिकट दिया है।
मोकामा सीट आरजेडी के बाहुबली नेता अनंत सिंह की विधानसभा की सदस्यता रद्द होने की वजह से खाली हुई है। अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट के एक मामले में दोषी पाया गया था। इन दोनों ही सीटों पर जीत के लिए बीजेपी और महागठबंधन ने जोर लगाया है। मोकामा सीट पर आरजेडी ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को जबकि बीजेपी ने सोनम देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। गोपालगंज में 2.6 लाख जबकि मोकामा में 2.7 लाख मतदाता हैं।
आदमपुर
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कुलदीप बिश्नोई के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। बीजेपी ने यहां से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया है। राज्य में सरकार चला रही बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को यह उपचुनाव जीतना जरूरी है क्योंकि इससे पहले हुए दो उपचुनाव (बरोदा और एलनाबाद) में इस गठबंधन को हार का स्वाद चखना पड़ा था। आदमपुर सीट पर 1.71 लाख मतदाता हैं।
भव्य बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते हैं और 1968 के बाद से आज तक इस सीट पर कभी भी भजनलाल के परिवार को हार नहीं मिली है। कांग्रेस ने यहां से जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया है जबकि आम आदमी पार्टी ने सतेंद्र सिंह और इंडियन नेशनल लोकदल ने कुरड़ाराम नंबरदार को चुनाव मैदान में उतारा है।
मुनुगोड़े
तेलंगाना की मुनुगोड़े सीट कांग्रेस के विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के द्वारा इस्तीफा देने की वजह से खाली हुई है। रेड्डी बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। राज्य में सरकार चला रही तेलंगाना राष्ट्र समिति ने इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। तेलंगाना में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी यहां जोर-शोर से अपना विस्तार करने में जुटी हुई है। विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव के नतीजे लिटमस टेस्ट की तरह हैं। टीआरएस ने यहां से पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी को जबकि बीजेपी ने कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी को, कांग्रेस ने पूर्व राज्यसभा सांसद पलवई गोवर्धन रेड्डी की बेटी पलवई श्रावंथी रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर 2.41 लाख मतदाता हैं।
गोला गोकर्णनाथ
यह सीट यहां से विधायक रहे अरविंद गिरी के निधन से खाली हुई है। इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। बीएसपी और कांग्रेस यहां चुनाव मैदान में नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के लिए इस चुनाव को जीतना अहम है क्योंकि उसे हाल ही में हुए रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था जबकि बीजेपी के लिए इस चुनाव को जीतना इसलिए जरूरी है क्योंकि वह राज्य में सरकार चला रही है। बीजेपी ने यहां से अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी को उम्मीदवार बनाया है जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक विनय तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर 3.90 लाख मतदाता हैं।
धामनगर
यह सीट बीजेपी के विधायक विष्णु चरण सेठी के निधन से खाली हुई है। इस सीट पर राज्य में सरकार चला रही बीजेडी और विपक्षी दल बीजेपी के बीच मुकाबला है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली थी। बीजेपी ने यहां से विष्णु चरण सेठी के बेटे सूर्यबंशी सूरज को उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेडी ने अबंती दास को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर 2.4 लाख मतदाता हैं।
अंधेरी ईस्ट
मुंबई की अंधेरी ईस्ट सीट के उपचुनाव में बीजेपी ने अंतिम वक्त में अपने उम्मीदवार मुर्जी पटेल का नामांकन वापस ले लिया था। यह सीट शिवसेना के विधायक रहे रमेश लटके के निधन से खाली हुई है। उद्धव ठाकरे गुट ने यहां से ऋतुजा लटके को चुनाव मैदान में उतारा है। ऋतुजा लटके को एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। इस सीट पर चुनाव महज औपचारिकता ही माना जा रहा है। इस सीट पर 2.74 लाख मतदाता हैं।