इस साल नौ राज्यों में होने वाले चुनाव की पहली खेप पूर्वोत्तर राज्यों के चुनाव की है। चुनाव आयोग ने बुधवार दोपहर को तारीखों का ऐलान कर दिया है। त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होगा। 27 फरवरी को एक ही दिन नागालैंड और मेघालय में चुनाव होगा। 2 मार्च को नतीजे आएंगे। तीनों विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस बात को प्रमुखता से रखा कि इन राज्यों में पिछले 2018 के चुनाव में महिला वोटरों की भागीदारी सबसे ज्यादा रही है। यह एक अच्छा संकेत है। पूरे देश को इसे देखना चाहिए। उन्होंने बताया कि तीनों राज्यों में मतदाता सूचियां प्रकाशित कर दी गईं हैं। वहां पुलिस और नागरिक प्रशासन ने कहा है कि वो चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए तैयार हैं।
तीनों राज्यों में 3.28 लाख युवा वोटर बढ़े हैं। यह महत्वूर्ण है। क्योंकि जितने ज्यादा युवा मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं। हमारा लोकतंत्र मजबूत होता है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि तीनों राज्यों में निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग प्रतिबद्ध है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग की एक टीम ने हाल ही में 11 जनवरी को तीन पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा किया था। चार दिवसीय यात्रा के दौरान, पोल पैनल ने सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात की और सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ चुनाव कराने के लिए उनकी राय मांगी।
पूर्वोत्तर के चुनाव को बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दल गंभीरता से ले रहे हैं। इसमें त्रिपुरा का चुनाव सबसे अहम है। वहां सीपीएम से बीजेपी ने सत्ता छीनी थी। इस बार सीपीएम और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने वाले हैं। बीजेपी के लिए हालात प्रतिकूल हैं। बीजेपी ने वहां 4 जनवरी से एक यात्रा निकाली हुई है जो सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों से होकर निकल रही है। लेकिन इस दौरान कई सारे विधायक बीजेपी छोड़कर या तो कांग्रेस या फिर क्षेत्रीय दलों में लौट चुके हैं।