कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: दिग्विजय व थरूर में होगा मुक़ाबला?

03:39 pm Sep 29, 2022 | सत्य ब्यूरो

राजस्थान कांग्रेस में हुए सियासी घटनाक्रम और कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की चर्चाओं के बीच जब बुधवार शाम को यह खबर आई कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे तो कांग्रेस के सियासी गलियारों में तमाम तरह की चर्चाएं तेज हो गई। इनमें से एक अहम चर्चा यह थी कि क्या गांधी परिवार अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजाय दिग्विजय सिंह पर दांव खेलेगा। 

हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कह चुकी हैं कि वह इस चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहेंगी। लेकिन फिर भी अशोक गहलोत को गांधी परिवार का समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा था। अब जब अशोक गहलोत की उम्मीदवारी पर संशय के बादल छाए हुए हैं तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस चुनाव में गांधी परिवार के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से समर्थित उम्मीदवार कौन होगा। 

वह कौन सा नेता होगा जिसे राहुल गांधी व सोनिया गांधी का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिलेगा। 

दिग्विजय सिंह पिछले कुछ महीनों में पहले कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों और अब यात्रा के संचालन में व्यस्त रहे हैं। लेकिन अचानक जब बुधवार शाम को उनके दिल्ली आने और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की खबर आई तो पहला सवाल मीडिया से लेकर तमाम सियासी गलियारों में यही सामने आया कि क्या वह अब कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। 

अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो इस मुकाबले में दिग्विजय सिंह और शशि थरूर आमने-सामने होंगे। लेकिन अगर अशोक गहलोत चुनाव लड़े तो तब भी क्या दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ेंगे। 

राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद जब अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से मुलाकात होगी तो यह बात साफ हो जाएगी कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं या नहीं।

अगर गहलोत और दिग्विजय सिंह दोनों ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़े तो ऐसी सूरत में गांधी परिवार का समर्थन किसके साथ रहेगा यह भी एक बड़ा सवाल है। ऐसा होने की संभावना कम दिख रही है। 

G-23 गुट 

शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं और कांग्रेस अध्यक्ष के स्वतंत्र चुनाव सहित कई मामलों में पार्टी नेतृत्व के सामने आवाज उठा चुके हैं। ऐसे में उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार का समर्थन मिलने की उम्मीद कम है। 

प्रियंका गांधी की वकालत 

इस बीच, असम के बारपेटा से कांग्रेस के सांसद अब्दुल खलीक ने ट्वीट कर कहा है कि चूंकि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इंकार कर चुके हैं इसलिए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इसके लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं। उन्होंने तर्क दिया है कि क्योंकि वह वाड्रा परिवार की बहू हैं इसलिए अब वह गांधी परिवार की सदस्य भी नहीं हैं। खबरों के मुताबिक, राहुल गांधी कई बार इस बात को कह चुके हैं कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होना चाहिए। 

निश्चित रूप से कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है और चुनाव में कौन-कौन से नेता आमने-सामने होंगे, इसे लेकर तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी। 

पायलट का क्या होगा?

लेकिन अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में नहीं उतरे तो यह लगभग तय है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों को किस तरह संभाल पाएगी यह भी एक बड़ा सवाल है। क्योंकि कांग्रेस हाईकमान अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर वहां मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सचिन पायलट को बैठाना चाहता था लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों के विद्रोह के बाद पार्टी के लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा।