कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मन बना लिया है कि अब वह इस पद पर नहीं रहेंगी। एनडीटीवी के मुताबिक़, उन्होंने कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से कहा है कि वह नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया को शुरू करें। राहुल से पहले सोनिया गांधी लगातार 19 साल तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर रही थीं और उनके ही नेतृत्व में कांग्रेस ने 2004 में एनडीए की सरकार को सत्ता से हटाया था।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले सोनिया के इस मैसेज को सभी नेताओं को बताया गया है। पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व संकट को हल करने के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी के बाद राष्ट्रीय और प्रदेशों में काम कर रहे कांग्रेस के नेताओं की तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस चिट्ठी में कहा गया है कि पार्टी को एक पूर्णकालिक, ‘प्रभावी’ और ‘सक्रिय’ नेतृत्व चाहिए।
पत्र में गांधी परिवार के नेतृत्व को लेकर उठाए गए सवालों के बाद घमासान की स्थिति है। पत्र में पार्टी नेतृत्व को आत्ममंथन करने की सलाह भी दी गई है। इस पत्र में गु़ुलाम नबी आज़ाद से लेकर कपिल सिब्बल, शशि थरूर और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इस चिट्ठी के बाद कांग्रेस आलाकमान पर नया अध्यक्ष चुनने का दबाव बढ़ गया है।
सोमवार को यह ख़बर आई है कि सोनिया ने पार्टी में अपने करीबी लोगों से कहा है कि अब वह अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहना चाहतीं। रविवार को भी ऐसी ही ख़बर आई थी। सूत्रों के मुताबिक़, उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष चुनना चाहिए।
वैसे भी, कांग्रेस को अब गांधी परिवार से बाहर के ही किसी राजनेता को अध्यक्ष चुनना होगा क्योंकि राहुल अध्यक्ष नहीं बनना चाहते, प्रियंका भी अध्यक्ष पद नहीं संभालना चाहतीं और दोनों की राय है कि अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के किसी शख़्स को चुना जाए।
गांधी परिवार का पुरजोर समर्थन
सोनिया के इस्तीफ़े की ख़बर के बाद ऐसे नेता निशाने पर हैं जिन्होंने आलाकमान को चिट्ठी लिखी है। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जो लोग गांधी परिवार पर सवाल उठा रहे हैं वे कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं। अधीर ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस गांधी परिवार के हाथों में सुरक्षित है।
इसी तरह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पूरी तरह गांधी परिवार का समर्थन किया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि गांधी परिवार को लेकर सवाल उठाने वाले लोग ऐसे मुश्किल वक्त में पार्टी का नुक़सान कर रहे हैं।
यूपीए की सरकार के शासनकाल के दौरान 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने भी सोनिया गांधी से पद पर बने रहने की अपील की है।
उधर, युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के नेता राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इन नेताओं ने ट्विटर पर हैशटैग #MyLeaderRahulGandhi के तहत ट्वीट्स किए हैं और राहुल गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव भी पारित किया है।
मीडिया में इस तरह की भी ख़बरें हैं कि इससे पहले भी ऐसे पत्र कांग्रेस आलाकमान को लिखे गए हैं। लेकिन ये वाला पत्र लीक हो गया और पार्टी के नेताओं की नाराज़गी की चर्चा अब एआईसीसी के दफ़्तर से बाहर निकलकर सड़कों पर होने लगी है।