कांग्रेस आलाकमान से असंतुष्ट चल रहे G23 गुट के नेताओं को लेकर पार्टी के भीतर बहस जारी है। कांग्रेस के चार बड़े नेताओं ने बयानबाज़ी कर रहे इन नेताओं को चेताया है कि वे सीमाओं को न लांघें। बंगाल चुनाव में इंडियन सेक्युलर फ़्रंट (आईएसएफ़) को कांग्रेस-लेफ़्ट फ्रंट के गठबंधन में शामिल करने को लेकर G23 गुट के नेता आनंद शर्मा और बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच जोरदार बहस हो चुकी है।
ये चारों बड़े नेता उन नेताओं में भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़ इन नेताओं ने कहा है कि वे इस चिट्ठी में जो कुछ लिखा गया था, उस पर कायम हैं लेकिन वह G23 के कुछ नेताओं की हालिया बयानबाज़ियों और कामों से ख़ुद को अलग करते हैं।
इन चार नेताओं में से राज्यसभा के पूर्व उप सभापति पीजे कुरियन भी हैं। कुरियन ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि वह कांग्रेस में सुधार की कोशिशों के ख़िलाफ़ नहीं हैं और सुधार की बहुत ज़रूरत भी है लेकिन लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघा जाना चाहिए।
बीते दिनों जम्मू में हुए शांति सम्मेलन में G23 गुट के नेताओं ने इशारों-इशारों में कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोला था।
कुरियन ने कहा, “इन नेताओं के काम कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में सही क़दम हैं लेकिन इससे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वे कांग्रेस से असंतुष्ट हैं। मुझे जम्मू के कार्यक्रम के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है और जब पूरी जानकारी मिल जाएगी तभी मैं इस बारे में कह पाऊंगा कि क्या ये पार्टी के ख़िलाफ़ असंतोष था या इसे मज़बूत करने वाला क़दम।”
पार्टी में कोई ग्रुप नहीं
पूर्व लोकसभा सांसद संदीप दीक्षित ने कहा, “पार्टी में कोई ग्रुप नहीं है, यह कुछ लोगों का समूह है जिसने अपनी राय रखी है। हम उनकी राय के साथ हैं। इनमें से कुछ लोग या कुछ अन्य लोग कुछ करते हैं तो ये उनका अपना मामला है।” दिल्ली से दो बार सांसद रहे दीक्षित ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि आज़ाद ने मोदी की तारीफ़ की है और अच्छा यह होगा कि इस बात को उनसे ही पूछा जाए।
कांग्रेस के ताज़ा हालात पर देखिए चर्चा-
सोनिया की क़यादत पर भरोसा
इन नेताओं में से एक और वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कहा, “जिस पत्र पर उन लोगों ने दस्तख़त किए थे, वह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के लिए था और मैं उस बात के साथ आज भी खड़ा हूं...बाक़ी जो बातें हैं वे दूसरे नेताओं की निजी राय है।” मध्य प्रदेश से आने वाले अजय सिंह ने कहा कि उन्हें सोनिया गांधी की क़यादत पर पूरा भरोसा है और यही उन लोगों ने पत्र में भी लिखा था।
चर्चा का सही वक़्त नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि G23 कोई संस्था नहीं है और ऐसे वक़्त में जब पांच राज्यों के चुनाव हो रहे हैं, पार्टी से जुड़े किसी मसले पर चर्चा करने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी असंतुष्ट समूह का हिस्सा बनना नहीं चाहते और इसीलिए उन्होंने पहले ही ख़ुद को इससे अलग कर लिया है।
आज़ाद का पुतला फूंका
G23 गुट के नेताओं में शामिल ग़ुलाम नबी आज़ाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ की थी और इसे लेकर कांग्रेस में प्रतिक्रिया हुई थी।
मंगलवार को जम्मू में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ग़ुलाम नबी आज़ाद के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया, जमकर नारेबाज़ी की और उनका पुतला फूंका। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा था कि आज़ाद को कांग्रेस ने सब कुछ दिया लेकिन आज जब कांग्रेस को उनकी ज़रूरत है तो वे जम्मू में कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। G23 गुट में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी से लेकर कई अनुभवी नेता शामिल हैं।