कांग्रेस ने कहा है कि आज़ाद अब गु़लाम हो गए हैं। पार्टी ने कहा है कि दो दिनों से आ रहे गुलाम नबी आज़ाद के बयानों से ऐसा लगता है। आज़ाद पिछले दो दिनों से राहुल और कांग्रेस पर हमलावर हैं। उन्होंने बुधवार को कहा था कि राहुल गांधी प्रमुख कारण थे जिनकी वजह से उन्होंने और कई अन्य ने कांग्रेस को छोड़ा। उन्होंने यह भी दावा किया था कि पार्टी में रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की ज़रूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब भी 'रिमोट कंट्रोल' से चल रही है और अनुभवहीन चापलूसों की नई मंडली इसका कामकाज संभाल रही है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ भी की।
आज़ाद के इस बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमला किया। कांग्रेस नेताओं ने इस बात का जिक्र किया कि गुलाम नबी आजाद को संसद से रिटायर होने के बाद भी दिल्ली में उनके सरकारी बंगले में रहने दिया गया है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "अच्छे खासे आजाद थे...न जाने क्या मजबूरी थी गुलाम बनने की।"
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनका भाजपा के साथ साफ़ तौर पर समझौता हुआ है। वेणुगोपाल ने कहा, 'अगर आप बीजेपी से कुछ चाहते हैं, तो उनकी पहली शर्त राहुल गांधी को गाली देना है।'
कांग्रेस के पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या गुलाम नबी आजाद ने अडानी मुद्दे पर एक शब्द भी बोला। पवन खेड़ा ने कहा, 'जब उन्होंने पार्टी छोड़ी थी तो उन्होंने कहा था कि वह आजाद हो गए हैं, लेकिन पिछले दो दिनों में उनकी टिप्पणियों को सुनने के बाद यह स्पष्ट है कि वह गुलाम बन गए हैं।'
कांग्रेस पार्टी ने पवन खेड़ा के एक वीडियो क्लिप को ट्वीट किया है जिसमें वह पत्रकारों को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आज़ाद पर कड़ी टिप्पणी करते नज़र आते हैं।
पवन खेड़ा कहते हैं, 'एक ऐसा शख्स जिसे 50 साल में पार्टी से सब कुछ मिला और वह इस तरह से विश्वासघात करता है फिर हम किस पर भरोसा कर सकते हैं।'
गुलाम नबी आज़ाद के साथ ही कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला किया था। अब कांग्रेस ने दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पार्टी सिस्टम के बड़े लाभार्थी रहे हैं, लेकिन वे अब पार्टी की ही आलोचना कर रहे हैं।
कांग्रेस के दो पूर्व नेताओं द्वारा की गई तीखी आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, 'गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही कांग्रेस प्रणाली और उसके नेतृत्व के बड़े लाभार्थी रहे हैं। हर दिन वे ठोस सबूत देते हैं कि उनके प्रति यह उदारता अवांछनीय थी। वे अपने असली चरित्र को प्रकट करते हैं, जिसे उन्होंने इतने लंबे समय तक छिपाए रखा।'
बता दें कि केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सिंधिया ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि देश के खिलाफ काम करने वाले 'गद्दार' को छोड़कर पार्टी के पास कोई विचारधारा नहीं है। इधर अपनी आत्मकथा के विमोचन से पहले, आज़ाद कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी की आलोचना करते हुए कई साक्षात्कार दे रहे हैं। पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में आज़ाद ने कहा कि उनका मानना है कि कांग्रेस अभी भी रिमोट कंट्रोल द्वारा चलती है।
अपनी नयी किताब ‘आजाद : एन ऑटोबायोग्राफी’ के विमोचन के अवसर पर आजाद ने कहा कि जब शीर्ष नेतृत्व किसी जाँच एजेंसी के समक्ष पेश होने जा रहा है तो नेताओं को साथ जाने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जैसे अब हो रहा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों का हवाला दिया जब वे किसी जाँच आयोग या जाँच एजेंसी के सामने जाते थे तो नेता उनके साथ स्वेच्छा से जाते थे न कि व्हिप जारी किया जाता था जैसा कि आज हो रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि अगर सोनिया गांधी कांग्रेस में वापसी के लिए बोलेंगी तो क्या वह लौटेंगे, उन्होंने कहा, ‘काश अगर सोनिया गांधी के हाथ में होता तो हम यहां आते ही नहीं। सोनिया गांधी तय नहीं कर सकतीं।’