बीजेपी ने संदेशखाली मामले में ममता बनर्जी पर कुछ चीजें छुपाने का आरोप लगाया है। इसने आरोप लगाया है कि एक महिला मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए महिलाओं की इज्जत को दांव पर लगा रही हैं। पार्टी ने कहा कि इसकी उनको क़ीमत चुकानी होगी।
संदेशखाली मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'महिलाओं के साथ ज़बरदस्त हमले, अपमानजनक व्यवहार और यौन उत्पीड़न के बारे में जो सामने आ रहा है वह हमारे समाज और लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। ममता बनर्जी अब भी इसका बचाव कर रही हैं। क्यों?'
संदेशखाली में स्थानीय तृणमूल नेताओं के खिलाफ जमीन हड़पने और जबरन वसूली के आरोप लगे हैं। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया है कि तृणमूल के कद्दावर नेता शेख शाहजहां के सहयोगियों ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया है। संदेशखाली गांव की कई महिलाओं ने टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके साथियों पर इसके आरोप लगाए हैं।
इसी मामले का ज़िक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'क्या ऐसा हो सकता है कि कोलकाता से सिर्फ़ 75-80 किमी दूर लोगों की ज़मीन हड़प ली जाए? ममता द्वारा गठित एसआईटी क्या कर रही है? यौन उत्पीड़न के मामले में पूछताछ के मानदंडों पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशानिर्देश हैं... क्या एसआईटी सवाल पूछ रही है या उनका अपमान कर रही है?' उन्होंने कहा, ममता, जनता आपको इसका राजनीतिक रूप से जवाब देगी। आपको इसके लिए क़ीमत चुकानी होगी।'
संदेशखाली में एक पत्रकार की गिरफ्तारी के बारे में प्रसाद ने कहा, 'ममता क्या छिपाने की कोशिश कर रही हैं? वह इसे छिपाने की कोशिश क्यों कर रही है? एक महिला सीएम अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए महिलाओं के सम्मान को ख़तरे में डाल रही हैं। क्यों? उनका विवेक कहाँ है?'
सोमवार को रिपब्लिक बांग्ला चैनल में काम करने वाले संटू पैन को पुलिस ने लाइव रिपोर्टिंग के दौरान संदेशखाली में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि उन पर एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
पत्रकार की गिरफ्तारी की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और पत्रकार संघों के साथ-साथ भाजपा ने भी कड़ी आलोचना की।
रविशंकर प्रसाद ने चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मैंने सुना है कि सीपीआई (एम) की एक महिला नेता ने क्षेत्र का दौरा किया लेकिन सीपीआई (एम) ने आधिकारिक तौर पर इसका विरोध नहीं किया है। हर मुद्दे पर बोलने वाले राहुल गांधी इस पर चुप हैं... सोनिया गांधी चुप हैं, अरविंद केजरीवाल चुप हैं। विपक्ष का सरासर पाखंड साफ़ दिखता है।'
रविशंकर प्रसाद की यह टिप्पणी बंगाल भाजपा नेताओं द्वारा एक सिख आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर "खालिस्तानी" कहे जाने और ममता द्वारा भाजपा पर उसकी "विभाजनकारी" राजनीति के लिए निशाना साधने के एक दिन बाद आई है। घटना के एक वीडियो में एसएसपी (आईबी) जसप्रीत सिंह भाजपा नेताओं के सामने खड़े होकर गुस्से में कहते हैं कि धर्म को इसमें नहीं घसीटें।
एक्स पर एक पोस्ट में ममता ने कहा, 'भाजपा की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है। बीजेपी के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। मैं हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं, जो हमारे राष्ट्र के लिए उनके बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए सम्मानित हैं। हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे।'