एमपीः करणी सेना के ‘जवाब’ में भीम आर्मी मैदान में

05:04 pm Feb 12, 2023 | संजीव श्रीवास्तव । भोपाल

मध्य प्रदेश में अब भीम आर्मी सेना ने ताल ठोकी है। जातिगत जनगणना और प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार को भोपाल में जुटे हजारों लोगों प्रदर्शन कर दो टूक चेताया है, ‘दलित, आदिवासियों, पिछड़ा वर्ग और मुसलमानों को कोई भी परेशानी हुई तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे।’ भीम आर्मी के इस प्रदर्शन को जय युवा आदिवासी संगठन, ओबीसी महासभा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आजाद समाज पार्टी ने भी समर्थन दिया था। भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रमुख चंद्रशेखर आजाद खासतौर पर इस कार्यक्रम में शामिल हुए। 

भीम आर्मी के संस्थाथक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने घोषणा की, “चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी। यह यात्रा का पहला चरण है। हर यात्रा के बाद दोगुने सैलाब के साथ आएंगे।”

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेकर कहा, “मध्य प्रदेश सरकार ने रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की, यह लॉलीपॉप नहीं चलेगा। इसी सरकार ने पिछली बार उज्जैन में 50 लाख रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं दिया। घोषणाओं से पेट नहीं भरेगा, हम इनसे थक चुके हैं। हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। आगे का कदम सत्ता के लिए होगा। संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा।”

मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव में आरक्षण बड़ा मुद्दा होने वाला है। सत्तारूढ़ दल भाजपा और प्रतिपक्ष कांग्रेस काफी वक्त से एससी-एसटी, ओबीसी और अन्य वर्ग के कमजोर तबके को आरक्षण का लालीपाॅप दे रहा है। चुनाव निकट हैं, लिहाजा आरक्षण के पक्षधर और विरोधी भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। चुनाव साल में ताल ठोककर ये मैदान में आ रहे हैं।

भोपाल में जनवरी के दूसरे सप्ताह में करणी सेना ने ताकत दिखाई थी। आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण देने सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल में जुटी करणी चार दिनों तक डेरा डाले रही थी। एक तरह से करणी सेना के प्रदर्शन को आरक्षण विरोध में माना गया। इसके बाद दलित संगठनों के कान खड़े हो गए थे।

राज्य सरकार से करणी सेना की बातचीत हुई। करणी सेना की 17 मांगों को लेकर सरकार से सहमति बन गई थी। कुछ मांगों के निराकरण के लिए शिवराज सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी बनाई हुई है। करणी सेना के गुणा-भाग के बीच भीम आर्मी सेना के रविवार को भोपाल में हुए बड़े प्रदर्शन ने सरकार को बेचैन कर दिया है।

भीम आर्मी चाहती है जनगणना जातिगत आधार पर हो। संगठन यह भी मांग कर रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनाये। आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी भीम आर्मी कर रही है।

रविवार को भोपाल में आयोजित प्रदर्शन में भीम आर्मी का मंच।

आंदोलन की अगुवाई करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल सरजीत सिंह ने कहा है, ‘हमारा लक्ष्य इस देश में बहुजन समाज की सरकार बनाना है।’ यहां बता दें, सरजीत सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में कमिश्नर के पद पर रहे हैं। उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति का रास्ता चुना है। 

सिंह ताल ठोककर यह भी कह रहे हैं- 

कुछ लोगों को लगता है कि हिन्दू राष्ट्र बना लेंगे तो यह उनकी गलतफहमी है। देश संविधान से चलेगा। एक भी दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुसलमान भाई को कोई भी परेशानी हुई तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे।


-सरजीत सिंह, भीम आर्मी, पूर्व कमिश्नर, 12 फरवरी 2023, भोपाल में

उधर भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने कहा है, ‘हमारी मांगें बहुत सारी हैं। हमारे अधिकार यदि कोई छीनेगा तो हम संवैधानिक आंदोलन तेज करेंगे। शासन-प्रशासन के सामने सिद्ध करेंगे कि यह देश लोकतांत्रिक है।’

अपनी मांद के बाहर पहली बार प्रदर्शन

भीम आर्मी आमतौर पर ग्वालियर-चंबल संभाग में ही सक्रिय रहती आयी है। दरअसल यूपी से लगे इस इलाके में अनुसूचित जाति बड़ा वोट बैंक है। चूंकि भीम आर्मी को एसटी एवं ओबीसी का साथ मिला है और मुसलमान वर्ग भी जुटा है, लिहाजा बड़ी ताकत दिखाने में भीम आर्मी सफल हुई है। भीम आर्मी यूपी में स्थापित हुई थी लेकिन हाल के वर्षों में चंद्रशेखर ने अपने संगठन को एमपी, राजस्थान, हरियाणा में खड़ा किया है। भोपाल में आज रविवार को हुआ प्रदर्शन महज करणी सेना का जवाब नहीं था। इसने राजनीतिक संकेत भी दे दिया है।