कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के घर पर सोमवार को बंजारा समुदाय के लोगों ने कर्नाटक के शिवमोग्गा में हमला किया। येदियुरप्पा का घर शिकारीपुर में है। बंजारा समुदाय हाल ही में कर्नाटक में आरक्षण को लेकर किए गए फेरबदल से नाराज है। उसे डर है कि उसका आरक्षण छीना जा रहा है। हाल ही में भाजपा शासित कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण खत्म करते हुए उसे दो-दो फीसदी वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों में बांट दिया। कर्नाटक ने आरक्षण की श्रेणियां भी बदल दीं।
बंजारों की मांग है कि सरकार जस्टिस ए जे सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करे। इसमें अनुसूचित जातियों के बीच उप जातियों के लिए उनके रेश्यो के हिसाब से (आनुपातिक प्रतिनिधित्व) आरक्षण की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को अवैज्ञानिक बताते हुए छोड़ दे। बंजापा समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट अनुसूचित जाति समुदायों को विभाजित करने के लिए निहित स्वार्थों की एक चाल है, जो इन सभी वर्षों में शांतिपूर्वक एक साथ रह रहे थे। राज्य सरकार के इस कदम से बंजारों के साथ अन्याय होगा। इसलिए सिफारिश वापस लेनी चाहिए।
विरोध प्रदर्शन आज उस समय हिंसक हो गया और आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के आवास पर पथराव किया तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। फैसले के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेते हुए दिखाया गया है। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीरों वाले पोस्टर जलाए। हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
आरक्षण के मुद्दे पर कर्नाटक में कई मोर्चे खुल गए हैं। बंजारा और कोर्ची समुदाय के प्रदर्शन के अलावा राज्य का मुस्लिम समुदाय भी 4 फीसदी आरक्षण छिनने से नाराज है। हालांकि उसकी ओर से बंजारा समुदाय की तरह कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ है। हाल ही में सरकार ने मुसलमानों का चार फीसदी आरक्षण छीन कर वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के बीच बांट दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल कर्नाटक दौरे के दौरान कहा था कि मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण दिया था। लेकिन अब तथ्य सामने आए हैं कि दरअसल जेडीएस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवगौड़ा के समय मुसलमानों को आरक्षण दिया गया था।
लिंगायतों में पंचमसाली उपजाति के लोग भी लंबे समय से आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अभी जब लिंगायतों का दो फीसदी आरक्षण बढ़ा तो भी पंचमसाली उपजाति के लोग खुश नहीं हुए। उनका कहना है कि कम से कम पांच फीसदी आरक्षण अकेले लिंगायतों का और बढ़ता तो उन्हें फायदा हो सकता था। कुल मिलाकर कर्नाटक में जिस चार फीसदी के तोहफे के दम पर भाजपा के किला जीतने की बात कही जा रही थी, उसे बंजारा समुदाय ने पानी फेस दिया है। बंजारा समुदाय के कई नेता हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उसके बाद राज्य में बंजारा राजनीति ने जोर पकड़ लिया।