एफ़आईआर रद्द कराने के लिए कंगना हाई कोर्ट की शरण में

04:57 pm Nov 24, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने के आरोपों में एफ़आईआर का सामना कर रहीं अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की शरण में पहुँची हैं। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एफ़आईआर को रद्द कराने की माँग की है। सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से नफ़रत फैलाने का आरोप दोनों बहनों पर लगा है और इस मामले में पुलिस ने उन्हें पेश होने के लिए समन भेजा है। 

कोर्ट में दायर की गई याचिका में दोनों बहनों ने अपील की है कि पूछताछ के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए जारी किए गए समन पर स्टे लगाया जाए। कंगना की तरफ़ से पैरवी कर रहे वकील रिज़वान सिद्दिकी ने अदालत से आग्रह किया है कि वह ऐसा निर्देश जारी करे कि पुलिस उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करे। 

मुंबई की एक अदालत के निर्देश पर ही रनौत बहनों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसकी शिकायत कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ़ अली सैयद ने की थी। कोर्ट ने 17 अक्टूबर को मुंबई पुलिस को निर्देश दिया था कि वह कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश के लिए रानौत और चंदेल के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करे। 

सैयद ने याचिका में कहा है कि कंगना हिंदू और मुसलिम कलाकारों के बीच दरार डाल रही हैं और अपने लगभग सभी ट्वीट्स में दुर्भावना से धर्म को ज़रूर लाती हैं। याचिका में उन्होंने कंगना के महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू साधुओं की हत्या से लेकर मुंबई के अपने ऑफ़िस में अवैध निर्माण को तोड़ने वाली बीएमसी की टीम को बाबर की सेना बताने वाली टिप्पणियों का ज़िक्र किया। 

याचिकाकर्ता में माँग की थी कि कंगना और उनकी बहन के ख़िलाफ़ दुश्मनी को बढ़ावा देने और देशद्रोह की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए।

सैयद ने याचिका में कहा था कि कंगना ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को भाई-भतीजावाद से भरी, ड्रग्स के आदियों और सांप्रदायिक रूप से पक्षपाती लोगों वाली जगह बताया था। याचिका में उन्होंने कहा था कि कंगना की बहन ने भी सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियाँ की थीं जिससे दो धर्मों के लोगों के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ता हो। 

कोर्ट के निर्देश के बाद दोनों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। 

वीडियो में देखिए, कंगना में इतनी हिम्मत की ठाकरे को ललकार सकें

बता दें कि दोनों बहनों के ख़िलाफ़ कई और मामलों में केस दर्ज किया गया है। एक मामले में मुंबई की एक अदालत ने 29 अक्टूबर को यह जाँच करने का आदेश दिया था कि उन्होंने मुसलिमों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किया था। इस मामले में कोर्ट में एक वकील अली कासिफ ख़ान द्वारा याचिका दायर की गई थी। 

उनके ख़िलाफ़ एक और केस कर्नाटक में दर्ज कराया गया है। कंगना के ख़िलफ़ यह केस उनके इस बयान के लिए दर्ज कराया गया कि उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले किसानों को कथित रूप से आतंकवादी कहा था।

गीतकार जावेद अख्तर ने भी इसी महीने 3 नवंबर को कंगना के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कंगना ने जुलाई महीने में रिपब्लिक टीवी पर एक इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का ज़िक्र करते हुए कहा था कि जावेद अख्तर 'सुसाइड गैंग' के सदस्य हैं। उन्होंने यह भी कहा था, 'वह मुंबई में कुछ भी करा सकते हैं।'

बता दें कि सुशांत राजपूत की मौत के मामले में कंगना अक्सर खुलकर बोलती रही हैं। उन्होंने कई विवादास्पद बयान दिए हैं।