ईडी ने गुरुवार को मालेगांव के एक व्यापारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत छापे मारे हैं। ये छापे चुनावी राज्य महाराष्ट्र और पड़ोसी गुजरात में 23 जगहों पर मारे गए। व्यापारी ने कथित तौर पर कई बैंक खाते खोलने के लिए फर्जी दस्तावेजों और फर्जी केवाईसी का इस्तेमाल किया, जिससे 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ। बीजेपी इसको 'वोट जिहाद' घोटाला क़रार दे रही है।
'वोट जिहाद' घोटाला तब सामने आया जब भाजपा नेता किरीट सोमैया ने दावा किया कि हवाला कारोबारियों के ज़रिए मालेगांव के एक बैंक से लगभग 125 करोड़ रुपये भेजे गए, और फिर इस पैसे को कई खातों में भेज दिया गया। कथित तौर पर इस पैसे का उद्देश्य चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करना था।
जांच उन आरोपों के इर्द-गिर्द की जा रही है कि हवाला चैनलों का उपयोग करके कई बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। ईडी सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि एजेंसी ने उन बैंक खातों की पहचान की है जिनका इस्तेमाल संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों के लिए किया गया था, खासकर महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले 23 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच। इस अवधि के दौरान कई खातों के माध्यम से पैसा भेजा गया, जिसके बाद जांच शुरू हुई।
इसी को लेकर ईडी अब छापे मार रही है। नासिक, सूरत, अहमदाबाद, मालेगांव और मुंबई जैसे शहरों में प्रमुख परिसरों पर छापेमारी की गई, जिसमें हवाला लेनदेन को उजागर करने और अवैध बैंकिंग करने में शामिल लोगों की पहचान करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
धन शोधन का यह मामला पिछले सप्ताह मालेगांव पुलिस द्वारा सिराज अहमद हारुन मेमन नामक एक स्थानीय व्यापारी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से सामने आया है। मेमन अपने कुछ सहयोगियों के साथ एक चाय और कोल्ड ड्रिंक्स की एजेंसी भी चलाते हैं।
मामले में शिकायतकर्ता एक व्यक्ति है, जिसके बैंक खाते का कथित तौर पर अवैध लेनदेन के लिए दुरुपयोग किया गया था। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि खातों का दुरुपयोग चुनाव फंड को देने के लिए किया गया।
यह आरोप लगाया गया है कि सिराज ने नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक में बैंक खाते खोलने के लिए लगभग एक दर्जन लोगों के केवाईसी लिए, क्योंकि उसने इन लोगों से कहा कि वह मकई का व्यवसाय शुरू करना चाहता है और इसलिए उसे किसानों से पैसे लेने की ज़रूरत है। अधिकारियों का आरोप है कि अहमद ने गरीब लोगों का शोषण किया, उन्हें कृषि उपज बाजार समितियों यानी एपीएमसी में नौकरी दिलाने का वादा किया और बदले में उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों के बदले बैंक खाते खोले।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मेमन ने कथित तौर पर अपने और अपने साथियों के नाम पर 12 बैंक खाते खोले और 23 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच 14 और खाते खोले गए। इन खातों में बड़ी रकम जमा की गई और बाद में इसे दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके बाद ईडी को हस्तक्षेप करना पड़ा। आरोप है कि इन खातों के माध्यम से 2200 लेनदेन किए गए।
इन घटनाक्रमों के बीच भाजपा विधायक नितेश राणे ने संकल्प लिया है कि 'वोट जिहाद' केस महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को प्रभावित न कर पाए। राणे ने कहा कि वह कथित वोट बैंक की राजनीति के माध्यम से चुनावों में हेरफेर करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
भाजपा नेताओं द्वारा अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द 'वोट जिहाद' यह दिखाता है कि मुस्लिम मतदाताओं ने पिछले चुनावों में सामूहिक रूप से पार्टी का विरोध किया था। राणे ने मुस्लिम समुदाय में 'जिहादी मानसिकता वाले' व्यक्तियों की आलोचना की और उन पर शरिया कानून का पालन करते हुए भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है।