फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश में सियासत तेज़ हो गई है। विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बीच गुरूवार को कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद की अगुवाई में भोपाल में मैक्रों के ख़िलाफ़ बड़ा प्रदर्शन हुआ। कोरोना प्रोटोकाॅल के उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने विधायक और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ शुक्रवार को एफ़आईआर दर्ज कर ली।
भोपाल के अलावा अलीगढ़ और मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन हुए। भारत के अतिरिक्त विश्व के दूसरे देशों में भी मुसलिम प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने फ़्रांस के राष्ट्रपति के बयान पर आक्रोश जताया और उनसे माफी मांगने को कहा।
प्रदर्शन में मौजूद लोग।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भोपाल मध्य सीट के कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद की अगुवाई में बड़ी संख्या में मुसलिम धर्मावलंबी इक़बाल मैदान पर इकट्ठा हुए। मज़हब का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए मसूद ने कहा कि वह कांग्रेस विधायक के नाते नहीं बल्कि मुसलिम धर्म के अगुवा होने के नाते अपने मज़हब के साथ खिलवाड़ के विरोध में सड़क पर उतरे हैं।
प्रदर्शनकारी अपने हाथों में फ़्रांस के राष्ट्रपति और सरकार के रवैये के विरोध वाले बैनर-तख्तियां लिए हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने मैक्रों के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी भी की। मसूद ने मांग की कि मैक्रों बिना देर किए मुसलिम धर्मावलंबियों से माफी मांगें।
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मसूद और उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने से जुड़े सवाल पर मसूद ने मीडिया से कहा, ‘मुसलिम समाज कभी किसी दूसरे धर्म का मजाक नहीं उड़ाता, ऐसे में हमारे मजहब का मजाक उड़ाने वाले के ख़िलाफ़ हमने प्रदर्शन किया। फ़्रांस के राष्ट्रपति जब तक माफी नहीं मांगेंगे हमारा विरोध जारी रहेगा।’
मसूद ने कहा, 'इस प्रदर्शन का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। यह प्रदर्शन मैंने व्यक्तिगत क्षमता में किया। हमारी कौम, हमारे नबी के ख़िलाफ़ हम किसी को ऐसा नहीं करने देंगे। सरकार ने एफ़आईआर की है, जिसका जवाब मैं अदालत में दूंगा।’
कांग्रेस विधायक मसूद ने कहा कि हमारी मांग है कि भारत सरकार को इस मामले में फ़्रांस के साथ नहीं बल्कि भारत के मुसलमानों यानी अपने नागरिकों के साथ खड़ा होना चाहिए।
दुनिया भर के मुसलिम हैं ख़फा
16 अक्टूबर को फ़्रांस में 47 साल के एक शिक्षक पैटी की स्कूल के बाहर ही हत्या कर दी गई थी। शिक्षक की हत्या पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर की गई थी। इस घटना के बाद फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का जमकर समर्थन किया था।
जब मारे गए शिक्षक पैटी को श्रद्धांजलि देने फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पहुंचे तो उन्होंने साफ कर दिया कि फ़्रांस पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को नहीं रोकेगा और फ्रांस का भविष्य कभी इसलामवादियों के पास नहीं होगा।
राष्ट्रपति मैक्रों ने कार्टून पर विवाद बढ़ने पर एक ट्वीट में कहा, ‘हम कभी घुटने नहीं टेकेंगे। हम सभी तरह के मतभेदों का सम्मान करते हैं। नफ़रत फैलाने वाले भाषणों को स्वीकार नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हम तार्किक बहस को संरक्षण देंगे और हमेशा मानवीय मूल्यों की तरफ खड़े होंगे।
लोगों को संबोधित करते विधायक आरिफ़ मसूद।
सोनिया गांधी से किया सवाल
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वी.डी.शर्मा ने फ़्रांस के राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ भोपाल में प्रदर्शन को आतंकवाद का समर्थन करार दिया है। अपनी प्रतिक्रिया में शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस विधायक की अगुवाई में इस तरह का प्रदर्शन विशुद्ध रूप से आतंकवाद का समर्थन है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या कांग्रेस आतंकवाद के साथ है’