मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की और कुछ मिनटों में ही पीएम मोदी ने जयंत सिंह चौधरी का 'दिल जीत लिया!' इस घोषणा के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी सरकार का धन्यवाद दिया। एनडीए में शामिल होने की बात पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा, 'कोई कसर रहती है। आज मैं किस मुंह से इंकार करूं.... आपके सवालों को...।' उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश की मूल भावना समझते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे चुनाव से नहीं जोड़े, मैं कांग्रेस की आलोचना करता हूँ। हालाँकि, उन्होंने एनडीए में शामिल होने के सीधे सवाल को टाल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर चौधरी चरण सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान की घोषणा की और उनके योगदान को अतुलनीय क़रार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने अपना जीवन किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया, चाहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में या देश के गृह मंत्री के रूप में, और यहां तक कि विधायक के रूप में, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति दी। पीएम मोदी की इस घोषणा पर ही जयंत सिंह ने उनकी पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा- 'दिल जीत लिया!'
जयंत सिंह की ऐसी टिप्पणी तब आई है जब लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उनकी पार्टी के बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि अब बस औपचारिक घोषणा ही बाक़ी है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि उनके इंडिया गठबंधन को तोड़कर एनडीए में जाना तय है। हालाँकि, जयंत की पार्टी आरएलडी की तरफ़ से अभी तक इस पर सफाई नहीं आई है।
चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न की घोषणा भाजपा और आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोक दल के बीच सीट-बंटवारे के समझौते की खबरों के बीच आयी है। इस पार्टी का गठन चरण सिंह के बेटे ने की थी और अब इसका नेतृत्व उनके पोते जयंत सिंह कर रहे हैं।
हाल के दिनों तक कहा जा रहा था कि यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और जयंत के आरएलडी के बीच गठबंधन हो गया है। इसकी पुष्टि पिछले महीने खुद जयंत चौधरी और अखिलेश यादव ने ही की थी। 'राष्ट्रीय लोक दल और सपा के गठबंधन की सभी को बधाई!' वाले अखिलेश यादव के ट्वीट पर जयंत चौधरी ने कहा था, 'राष्ट्रीय, संवैधानिक मूल्यों के रक्षा के लिए सदैव तत्पर, हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं से उम्मीद है, अपने क्षेत्र के विकास और ख़ुशहाली के लिए कदम मिलाकर आगे बढ़ें!'
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि आरएलडी अब सपा या इंडिया गठबंधन से अलग हो सकती है। यूपी में सीट-बँटवारे पर सपा के साथ अभी तक सहमति नहीं बनने के कारण आरएलडी आने वाले दिनों में एनडीए में शामिल होने के करीब पहुंच गया है। पार्टी के सूत्रों ने गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'भाजपा उसे चार लोकसभा क्षेत्रों, एक केंद्रीय मंत्रालय और दो राज्य मंत्रालयों की पेशकश कर रही है।' हालाँकि, कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दो लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट पर दोनों दलों के बीच सहमति बनी है।
अब यदि आरएलडी ऐसा करता है तो यह यूपी में विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका होगा। ऐसे समय में जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी सीट-बँटवारे पर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। आरएलडी के एक वरिष्ठ नेता ने अख़बार से कहा, 'हमारे और भाजपा के बीच चीजें लगभग तय हो गई हैं। औपचारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है, शायद एक या दो दिन में।' रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के सूत्रों ने भी दोनों दलों के बीच बातचीत में प्रगति की पुष्टि की। दिल्ली में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'हमारी पार्टी उन्हें बागपत, मथुरा, हाथरस और अमरोहा की पेशकश कर रही है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें मुजफ्फरनगर और कैराना देने से इनकार कर दिया है। हम बिजनौर और सहारनपुर की भी पेशकश कर रहे हैं।'