जानिए, भारत में फैलने वाली नयी बीमारी टोमैटो फ्लू है क्या

12:44 pm Aug 21, 2022 | सत्य ब्यूरो

भारत में एक नई बीमारी फैलने से चिंताएँ बढ़ गई हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में 'टोमैटो फ्लू' नाम की बीमारी को लेकर चेतावनी दी है। लैंसेट के एक अध्ययन के अनुसार, 6 मई को केरल में पहली बार वायरस के सामने आने के बाद से 26 जुलाई तक भारत में टोमैटो फ्लू के 82 मामले दर्ज किए गए हैं।

आमतौर पर कहा जा रहा है कि यह एक नए प्रकार का और हाथ, पैर व मुंह की बीमारी है। इसके मामले केरल और ओडिशा में पाए गए हैं। लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल के अनुसार, 'टोमैटो फ्लू' के मामले सबसे पहले केरल के कोल्लम और 6 मई को सामने आए थे और अब तक 82 बच्चों को संक्रमित कर चुके हैं। लैंसेट की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये बच्चे 5 साल से कम उम्र के हैं।

अध्ययन के अनुसार, इस बीमारी से एक से पांच वर्ष की आयु के बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा वाले वयस्क प्रभावित हो रहे हैं। अध्ययन में कहा गया है कि कुछ केस स्टडीज में कमजोर प्रतिरक्षा वाले वयस्कों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी दिखी है।

लैंसेट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'जिस तरह हम कोविड -19 की संभावित चौथी लहर से निपट रहे हैं, एक नया वायरस जिसे टोमैटो फ्लू, या टोमैटो फीवर के रूप में जाना जा रहा है, भारत के केरल राज्य में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में उभरा है।'

संक्रामक रोग आंतों के वायरस के कारण होता है और वयस्कों में दुर्लभ होता है क्योंकि उनके पास आमतौर पर वायरस से बचाव के लिए पर्याप्त प्रतिरक्षा प्रणाली होती है।

इस संक्रमण को 'टोमैटो फ्लू' नाम दिया गया है क्योंकि रोगी के शरीर पर लाल, दर्द देने वाले फफोले दिखाई देते हैं और धीरे-धीरे टमाटर के आकार तक बढ़ जाते हैं।

टोमैटो फ्लू के लक्षण

टोमैटो फ्लू के लक्षण हैं-तेज बुखार, शरीर में दर्द, जोड़ों में सूजन और थकान। ये लक्षण काफ़ी कुछ चिकनगुनिया की तरह हैं। कुछ रोगियों ने मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, डिहाइड्रेशन, जोड़ों में सूजन और शरीर में दर्द की भी शिकायत की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे लक्षण दिखने पर मरीजों को डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस, वैरीसेला-जोस्टर वायरस और हर्पीज की जाँच करानी चाहिए। एक बार जब इन वायरल संक्रमणों की पुष्टि नहीं हो तो टोमैटो वायरस की आशंका रहती है।

टोमैटो फ्लू का इलाज चिकनगुनिया, डेंगू और हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के इलाज के समान है। मरीजों को आइसोलेट किया जाना चाहिए और जलन व चकत्ते से राहत के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ और गर्म पानी के स्पंज की सलाह दी जाती है। इस बीमारी में आराम की भी ज़रूरत होती है।